एक ओर गाज़ा में इजरायल के हवाई हमले लगातार आम नागरिकों की जान ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दुनिया के कई देश अब फलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं. यह टकराव अब सिर्फ एक क्षेत्रीय संघर्ष नहीं रह गया, बल्कि वैश्विक राजनीति का प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है.
गाज़ा पर इजरायली हमले
गाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में हुए हवाई हमलों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है. मारे गए लोगों में शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सलमिया के रिश्तेदार भी शामिल हैं. एक अन्य हमला शावा स्क्वायर के पास हुआ, जिसमें 5 लोगों की जान चली गई. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि राहत एजेंसियां गाज़ा को अकाल जैसी स्थिति से गुजरता हुआ बता रही हैं.
फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता
इजरायली हमलों के बीच पुर्तगाल ने ऐलान किया है कि वह रविवार को आधिकारिक रूप से फलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा. इसके साथ ही ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, माल्टा और लक्ज़मबर्ग जैसे देशों में भी यही निर्णय लिए जाने की संभावना है. यह बदलाव इज़राइल पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव का संकेत माना जा रहा है.
महीनों तक चल सकता है सैन्य अभियान
इजरायली सेना ने साफ किया है कि उनका लक्ष्य हमास की सैन्य संरचना को पूरी तरह नष्ट करना है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की समयसीमा तय नहीं की गई है. अब तक की जानकारी के मुताबिक, पिछले 23 महीनों में 65,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है और 90% से ज्यादा आबादी विस्थापित हो चुकी है.
गहराता मानवीय संकट
गाज़ा सिटी में हजारों नागरिकों को दक्षिण की ओर पलायन करने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन बहुत से लोग या तो बीमार हैं, वृद्ध हैं या उनके पास बार-बार उजड़ने की सामर्थ्य नहीं है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि यह जबरन विस्थापन स्थिति को और गंभीर कर सकता है.
बच्चों की मदद भी लूटी गई: UNICEF का खुलासा
UNICEF ने बताया है कि कुपोषित बच्चों के लिए भेजा गया जीवनरक्षक भोजन चार ट्रकों से हथियारबंद लोगों द्वारा लूट लिया गया. इजरायल ने इस लूट का दोष हमास पर मढ़ा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उनकी ओर से सख्त निगरानी तंत्र लागू हैं, ताकि सहायता के दुरुपयोग को रोका जा सके.
आंकड़ों की नजर में तबाही
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने दक्षिणी इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 251 बंधक बनाए गए थे. इनमें से 48 अब भी गाज़ा में हैं, और अधिकारियों को आधे से भी कम के जीवित होने की उम्मीद है. उसके बाद से लेकर अब तक, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 65,100 से अधिक फलस्तीनियों की जान जा चुकी है.
आगे क्या?
अगले हफ्ते न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बन सकता है. दुनिया की निगाहें अब न सिर्फ इस युद्ध पर हैं, बल्कि इस बात पर भी हैं कि क्या फलस्तीन को वैश्विक मान्यता मिल पाएगी और क्या इससे शांति की कोई नई शुरुआत हो सकेगी.
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