ईरान पर होने वाला है बड़ा हमला, अमेरिका-इजरायल कर रहे सैन्य कार्रवाई की तैयारी? इन 3 संकेतों से समझिए सबकुछ

    दो महीने के सीजफायर के बाद मध्य पूर्व में तनाव फिर से बढ़ता नजर आ रहा है. खासतौर पर ईरान पर अमेरिका और इजरायल की संभावित नई कार्रवाई की खबरें तेज हो गई हैं. तेहरान, तेल अवीव और वाशिंगटन से इस संदर्भ में तीन महत्वपूर्ण संकेत मिल रहे हैं, जो भविष्य में किसी बड़े संघर्ष की आशंका को बढ़ा रहे हैं.

    Israel set to attack Iran again US preparations explained in 3 points
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    दो महीने के सीजफायर के बाद मध्य पूर्व में तनाव फिर से बढ़ता नजर आ रहा है. खासतौर पर ईरान पर अमेरिका और इजरायल की संभावित नई कार्रवाई की खबरें तेज हो गई हैं. तेहरान, तेल अवीव और वाशिंगटन से इस संदर्भ में तीन महत्वपूर्ण संकेत मिल रहे हैं, जो भविष्य में किसी बड़े संघर्ष की आशंका को बढ़ा रहे हैं. आइए, इन तीन प्रमुख कारणों पर एक नजर डालते हैं.

    1. अमेरिका की फिर बढ़ी सैन्य मौजूदगी

    न्यूजवीक की सैटेलाइट इमेजेस से पता चला है कि अमेरिका ने डिएगो गार्सिया नौ-सैनिक अड्डे पर फिर से अपने सैनिकों की तैनाती कर दी है. यह वही रणनीतिक आधार है जहां पिछली बार ईरान पर एयर स्ट्राइक से पहले अमेरिकी फोर्सेज को जमा किया गया था. डिएगो गार्सिया हिंद महासागर के बीचोबीच स्थित है और यह चीन व ईरान दोनों के लिए लगभग 2000 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां से इन दोनों देशों की गतिविधियों पर नजर रखना आसान है. यह कदम साफ करता है कि अमेरिका ईरान पर किसी भी नए हमले के लिए तैयार हो रहा है.

    2. ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया

    ईरान के सर्वोच्च नेता के सैन्य सलाहकार याह्या रहीम सफवी ने साफ तौर पर कहा है कि ईरान युद्धविराम की स्थिति में नहीं है, बल्कि युद्ध के दौर में है. उनका मानना है कि ईरान और अमेरिका या इजरायल के बीच कोई लिखित समझौता नहीं हुआ है, इसलिए किसी भी समय जंग छिड़ सकती है. इसके अलावा ईरान के उपराष्ट्रपति ने भी इजरायल को नष्ट करने की बात कही है और युद्ध में जीत का दावा किया है. यह बयान क्षेत्रीय तनाव को और भी भड़काने वाला है.

    3. यूरेनियम को लेकर बढ़ता तनाव और मिडिल ईस्ट में असर

    अमेरिका और इजरायल ने ईरान को अगस्त तक यूरेनियम समाप्त करने की डेडलाइन दी है. हालांकि, हाल ही में ईरान ने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के अधिकारियों को बुलाया, लेकिन जरूरी यूरेनियम डेटा साझा नहीं किया. इसी बीच लेबनान और यमन ने ईरान पर उकसावे का आरोप लगाकर स्थिति को और जटिल बना दिया है. इन घटनाओं ने मिडिल ईस्ट के तनाव को और बढ़ा दिया है और भविष्य में कोई बड़ा युद्ध छिड़ सकता है.

    मध्य पूर्व में फिर से खतरनाक खामोशी?

    इन तीन संकेतों से साफ होता है कि सीजफायर खत्म होते ही मध्य पूर्व में एक बार फिर से तनाव अपने चरम पर पहुंच सकता है. अमेरिका और इजरायल की सैन्य तैयारी, ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया और परमाणु मुद्दे पर अड़चनें इस क्षेत्र को एक बार फिर से बड़े युद्ध की ओर ले जा सकती हैं. विश्व समुदाय की नजरें अब इस क्षेत्र पर टिकी हुई हैं कि क्या इन तनावों को कूटनीतिक रास्ते से सुलझाया जा सकेगा या फिर एक नया युद्ध अनिवार्य होगा.

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