कुछ बड़ा करने की तैयारी में है इजराइल, थर्रा उठेगा खामेनेई! अमेरिकी खुफिया एजेंसी का बड़ा दावा

    दुनिया एक बार फिर पश्चिम एशिया के हालात को लेकर गंभीर चिंता में डूब गई है. इस बार वजह है अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का वह दावा, जो इजरायल और ईरान के बीच तनाव को एक नए मोड़ पर ले जा सकता है.

    Israel planning to attack on iran nuclear plant
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    दुनिया एक बार फिर पश्चिम एशिया के हालात को लेकर गंभीर चिंता में डूब गई है. इस बार वजह है अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का वह दावा, जो इजरायल और ईरान के बीच तनाव को एक नए मोड़ पर ले जा सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने की तैयारी कर रहा है.

    खुफिया रिपोर्ट ने बढ़ाई हलचल

    सीएनएन ने कई अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि ताजा खुफिया सूचनाओं से इस बात के संकेत मिलते हैं कि इजरायल की ओर से ईरान के खिलाफ एक संभावित सैन्य कार्रवाई की योजना पर काम चल रहा है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस संबंध में अंतिम फैसला लिया गया है या नहीं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले कुछ महीनों में इजरायल के तेवर काफी आक्रामक हुए हैं और ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले की संभावना पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है.

    कूटनीतिक बातचीत के बीच सैन्य गतिविधियां तेज

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार फिलहाल ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम पर समझौते की कोशिश में जुटी है. लेकिन खुफिया जानकारी के मुताबिक, यदि यह समझौता ईरान से संपूर्ण यूरेनियम भंडार हटाने में नाकाम रहता है, तो इजरायल हमले की दिशा में कदम बढ़ा सकता है. सूत्रों का कहना है कि अमेरिका ने इजरायली सैन्य गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी है. इनमें हवाई हथियारों की तैनाती और सैन्य अभ्यास जैसे संकेत मिले हैं, जो एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी को दर्शाते हैं.

    अमेरिकी एजेंसियों को कैसे मिली जानकारी?

    सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यह खुफिया जानकारी इज़रायली अधिकारियों की सार्वजनिक और गुप्त टिप्पणियों, इंटरसेप्ट किए गए संचार, और मिलिट्री मूवमेंट के विश्लेषण पर आधारित है.

    ईरान का पलटवार और अमेरिका पर तंज

    इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका की उस मांग की आलोचना की है, जिसमें यूरेनियम संवर्धन रोकने की बात कही गई थी. उन्होंने कहा कि अमेरिका की शर्तें अनुचित हैं और परमाणु समझौते को लेकर कोई खास उम्मीद नहीं की जा सकती. डोनाल्ड ट्रंप ने भी साफ कर दिया है कि अगर कूटनीतिक प्रयास सफल नहीं हुए, तो अमेरिका भी सैन्य विकल्प पर विचार कर सकता है.

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