गाजा में नोटबंदी कर कैसे हमास में तबाही मचाएगा इजराइल, इस सलाह पर एक्शन ले सकते हैं PM नेतन्याहू?

    गाज़ा पट्टी में हमास की आर्थिक गतिविधियों पर लगाम कसने के प्रयासों के तहत इज़राइल अब नकदी की वैधता को चुनौती देने पर विचार कर रहा है. इस विचार का नेतृत्व कर रहे हैं इज़रायली अर्थव्यवस्था और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ इयाल ओफर, जिन्होंने सुझाव दिया है.

    Israel Demonetized Gaza to destroy hamas expert gave advice
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    गाज़ा पट्टी में हमास की आर्थिक गतिविधियों पर लगाम कसने के प्रयासों के तहत इज़राइल अब नकदी की वैधता को चुनौती देने पर विचार कर रहा है. इस विचार का नेतृत्व कर रहे हैं इज़रायली अर्थव्यवस्था और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ इयाल ओफर, जिन्होंने सुझाव दिया है कि गाज़ा में चल रहे बैंक नोटों को अमान्य घोषित कर हमास की नकदी केंद्रित व्यवस्था को सीधे तौर पर कमजोर किया जा सकता है.

    नकदी की रीढ़ पर आधारित है गाज़ा की अर्थव्यवस्था

    ओफर का कहना है कि गाज़ा की अधिकतर आर्थिक गतिविधियां नकद लेन-देन पर आधारित हैं. स्थानीय बाजारों और मानवीय सहायता में लगे सैकड़ों स्टॉल्स पर छोटे मूल्यवर्ग के नोट — खासकर 20 और 50 शेकेल प्रमुखता से चलते हैं. ये नोट तेजी से घिसते हैं और क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिसके चलते स्थानीय व्यापारी अब इन्हें स्वीकार करने से परहेज करने लगे हैं.

    बड़ा फोकस: 100 और 200 शेकेल के नोट

    विशेषज्ञों के अनुसार, गाज़ा में लगभग 10 अरब शेकेल की नकदी मौजूद है, जिसमें बड़ी संख्या में 100 और 200 शेकेल के नोट शामिल हैं. ये नोट पिछले वर्षों में बैंक ऑफ इज़रायल से गाज़ा की बैंक शाखाओं के माध्यम से भेजे गए थे, जो अब हमास की नियंत्रण वाली अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से उपयोग हो रहे हैं.

    इज़रायल सरकार की नीति में बदलाव का संकेत

    इस रणनीति को और बल तब मिला जब इज़रायल के विदेश मंत्री गिदोन सा'आर ने हाल ही में बैंक ऑफ इज़रायल से अपील की कि वह 200 शेकेल के नोटों को रद्द करने पर विचार करें. यह कदम सीधे तौर पर हमास की फंडिंग को प्रभावित कर सकता है, खासकर जब वह व्यापारियों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से "सुरक्षा शुल्क" के नाम पर नकद वसूली करता है.

    हमास की संपत्ति अब भी रहस्य

    इयाल ओफर के अनुसार, हमास के पास कितनी राशि है, इसका सटीक अनुमान लगाना कठिन है. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों और विश्लेषकों के मुताबिक, हमास के पास युद्धकाल में करीब 4 से 5 अरब शेकेल की नकदी हो सकती है. इसमें से एक बड़ा हिस्सा कथित रूप से भुगतान, भर्तियों और लॉजिस्टिक्स पर खर्च किया जा चुका है.

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