Israel and Syria War: पिछले कुछ सालों से इजराइल, सीरिया, और मध्य पूर्व के अन्य देशों के बीच संघर्ष और हिंसा की खबरें सुर्खियों में रही हैं. इन संघर्षों के बीच एक समुदाय ने अपनी भूमिका निभाई है, जिसका नाम है ड्रूज. यह समुदाय न केवल अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के कारण विशेष है, बल्कि इस समुदाय का इजराइल के साथ एक गहरा रिश्ता भी है. हाल में सीरिया के स्वेदा शहर में ड्रूज और बैनेदोई समुदाय के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद इजराइल ने सीरिया पर हमले शुरू कर दिए हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर ये ड्रूज कौन हैं और इजराइल के साथ इनका क्या रिश्ता है?
ड्रूज: न मुस्लिम, न ईसाई, न यहूदी—फिर कौन हैं ये लोग
ड्रूज समुदाय एक बहुत ही अलग और विशिष्ट धार्मिक पहचान रखने वाला समुदाय है. वे न तो पूरी तरह से मुस्लिम हैं, न ही ईसाई और न ही यहूदी. हालांकि, उनके धर्म में इन तीनों धर्मों के तत्व शामिल हैं, लेकिन उनका अपना एक अलग धार्मिक विश्वास है. यह समुदाय मध्यपूर्व में हजारों सालों से बसा हुआ है, लेकिन फिर भी कई लोग इस समुदाय को पूरी तरह से समझ नहीं पाते. वे इस्लाम के इस्माइली शाखा से अलग हुए थे, और धीरे-धीरे एक स्वतंत्र धर्म के रूप में विकसित हो गए.
ड्रूज समुदाय के लोग अपने धार्मिक ग्रंथ को गोपनीय रखते हैं, और उनकी धार्मिक मान्यताएं आमतौर पर सार्वजनिक नहीं की जातीं. वे कुरान और कुछ इस्लामी सिद्धांतों का सम्मान करते हैं, लेकिन पारंपरिक इस्लामी कर्तव्यों जैसे नमाज, रोजा, और हज का पालन नहीं करते. इस कारण इस्लामिक समाज में भी कई लोग इन्हें मुस्लिम नहीं मानते.
ड्रूज समुदाय की आबादी और उनका इजराइल से कनेक्शन
ड्रूज समुदाय की सबसे बड़ी आबादी सीरिया के अस-सुवैदा प्रांत में स्थित है, जिसे माउंटेन ऑफ ड्रूज कहा जाता है. यहां लगभग 7 से 8 लाख ड्रूज रहते हैं, जो सीरिया की कुल आबादी का करीब 3-4 प्रतिशत हैं. वहीं, इजराइल में इस समुदाय की संख्या लगभग 1.5 लाख है, जो देश की कुल आबादी का करीब 2 प्रतिशत है. इजराइल में ड्रूज समुदाय मुख्य रूप से गलील, हाइफा, कर्मेल पहाड़ियों और गोलन हाइट्स में बसा हुआ है. गोलन हाइट्स, जो पहले सीरिया का हिस्सा था, 1967 की जंग में इजराइल के कब्जे में आ गया था, और तब से वहां ड्रूज समुदाय का एक बड़ा हिस्सा रहने लगा है.
इजराइल में ड्रूज समुदाय की भूमिका
इजराइल के संदर्भ में ड्रूज समुदाय का एक विशेष स्थान है. इजराइल में यह एकमात्र अरब-भाषी अल्पसंख्यक समुदाय है जो इजराइली सेना में अपनी इच्छा से भर्ती होता है. वे इस यहूदी राष्ट्र के नागरिक जिम्मेदारियों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, टैक्स चुकाते हैं, मतदान करते हैं, और कई तो सरकारी पदों पर भी आसीन हैं. इस समुदाय का इजराइल की राजनीति और समाज में अहम योगदान है.
ड्रूज और इजराइल के बीच क्यों है यह गहरा संबंध
यह संबंध सिर्फ सांस्कृतिक या धार्मिक नहीं है, बल्कि इसमें रणनीतिक और राजनीतिक तत्व भी हैं. इजराइल के लिए ड्रूज समुदाय एक महत्वपूर्ण सामरिक सहयोगी है. वे जहां भी रहते हैं, स्थानीय सरकार और समाज से संतुलन बनाए रखते हुए अपनी धार्मिक पहचान को बनाए रखते हैं. इजराइल में ड्रूज समुदाय का समर्थन उसे सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है, खासकर गोलन हाइट्स में.
सीरिया में हिंसा और इजराइल की भूमिका
हाल ही में सीरिया के स्वेदा शहर में ड्रूज और बैनेदोई समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें 350 से ज्यादा ड्रूज समुदाय के लोग मारे गए. इस हिंसा के बाद, जब सीमा पर स्थिति बिगड़ी, तो इजराइल ने सीरिया के कई हिस्सों पर हमले शुरू कर दिए. इजराइली सेना ने सीरिया के रक्षा मंत्रालय और आर्मी हेडक्वार्टर को निशाना बनाते हुए कई हवाई हमले किए. इस हमले में सीरियाई सरकार के 15 कर्मचारी मारे गए, जिनमें रक्षा और गृह मंत्रालय के कर्मचारी शामिल थे. इजराइल का यह कदम ड्रूज समुदाय के लिए उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. इजराइल ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि वह ड्रूज समुदाय की रक्षा करेगा, और यही कारण है कि जब ड्रूज समुदाय संकट में पड़ा, तो इजराइल ने सीरिया पर हमला किया.
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