आखिर क्यों और कैसे शुरू हुई इजराइल और सीरिया के बीच जंग, हमले में 300 लोगों की हुई मौत

    Israel and Syria War: कभी सोच सकते थे कि एक मामूली चोरी की घटना इतनी बड़ी और खतरनाक स्थिति का कारण बन सकती है? लेकिन यही हुआ है. सीरिया और इजरायल के बीच हालिया बढ़ते तनाव की जड़ एक सब्जी विक्रेता से हुई चोरी और हिंसा की घटना में छिपी हुई है.

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    Israel and Syria War: कभी सोच सकते थे कि एक मामूली चोरी की घटना इतनी बड़ी और खतरनाक स्थिति का कारण बन सकती है? लेकिन यही हुआ है. सीरिया और इजरायल के बीच हालिया बढ़ते तनाव की जड़ एक सब्जी विक्रेता से हुई चोरी और हिंसा की घटना में छिपी हुई है, जिसने ना सिर्फ सीरिया के एक क्षेत्र में खून-खराबा मचाया, बल्कि दो देशों के बीच संघर्ष की संभावनाओं को भी जन्म दे दिया.

    चोरी और हिंसा की शुरुआत

    यह घटना करीब एक हफ्ते पहले सीरिया के सुवैदा शहर में हुई थी, जो इजरायल के करीब है. सब्जी विक्रेता फदल्लाह दवारा, जो अपनी गाड़ी से जा रहे थे, को चोरों के एक समूह ने घेर लिया और उससे 400 पाउंड (करीब 45 हजार रुपये) छीन लिए. इसके बाद, चोरों ने दवारा की बुरी तरह पिटाई भी की. जैसे ही यह घटना मीडिया में आई, सुवैदा शहर में बवाल मच गया.

    स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस घटना के बाद दो समुदायों, ड्रूज और बेडौइन, के बीच हिंसा शुरू हो गई. दोनों ने एक-दूसरे के लोगों को मारना शुरू कर दिया. इस हिंसा का विस्तार इतना बड़ा हो गया कि 300 से अधिक लोग जान से हाथ धो बैठे, और अब भी कई लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं.

    दो देशों के बीच युद्ध का खतरा

    यह घटना सीरिया के दक्षिणी हिस्से में हुई थी, जो इजरायल की सीमा से बहुत नजदीक है. सीरिया सरकार ने स्थिति को काबू करने के लिए अपने सैनिकों को सुवैदा में तैनात किया, लेकिन इजरायल ने इसे एक और नजरिए से देखा. इजरायल का आरोप था कि सीरियाई सैनिक सुवैदा के पास सीमा के करीब जमा हो रहे थे, और इसी कारण उन्होंने सीरिया की सेना पर हमला कर दिया.

    इजरायल ने अपनी कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि यह कदम सुरक्षा के लिए उठाया गया था, क्योंकि सीरिया के सैनिक सीमा की ओर बढ़ रहे थे. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि ड्रूज समुदाय को सीरिया में पूरी सुरक्षा दी जाएगी, और उन्हें कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा. इस बयान के बाद, इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हमला कर दिया.

    इजरायल का ड्रूज समुदाय के साथ समर्थन क्यों?

    ड्रूज समुदाय सीरिया का एक अल्पसंख्यक समुदाय है, जो मुख्य रूप से दक्षिणी सीरिया में बसा हुआ है, और जिसकी संख्या करीब सात लाख के आसपास है. यह समुदाय न तो इस्लाम का पालन करता है, न ही ईसाई धर्म का. ड्रूज की धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ें शिया इस्लाम से जुड़ी हुई हैं, लेकिन यह अपने अलग पहचान और विश्वासों के लिए जाना जाता है.

    यह समुदाय न सिर्फ सीरिया में, बल्कि इजरायल में भी निवास करता है. इजरायल ड्रूज समुदाय को अपने सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण मानता है, क्योंकि यह समुदाय सीमा के पास स्थित है. इजरायल का मानना है कि ड्रूज समुदाय को समर्थन देने से उसकी सीमा को सुरक्षा मिल सकती है. इसलिए, इजरायल ने सीरिया के साथ चल रहे संघर्ष में ड्रूज को पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया, ताकि वे अपनी धरती पर सुरक्षित रहें.

    क्या यह संघर्ष और बढ़ेगा

    सीरिया में हो रहे इस संघर्ष को सिर्फ एक स्थानीय घटना नहीं माना जा सकता. यह अब दो देशों के बीच तनाव का कारण बन चुका है, और यदि शांति की कोशिशें न हुईं तो यह पूरी तरह से एक युद्ध में बदल सकता है. जब तक सीरिया और इजरायल के बीच शांति की प्रक्रिया नहीं शुरू होती, तब तक दोनों देशों के हजारों नागरिकों की जान पर खतरा मंडरा रहा है.

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