Ishan Kishan birthday: हर चमकते सितारे के पीछे एक लंबा, थकाऊ और संघर्षों भरा सफर छिपा होता है. जब आप टीवी पर ईशान किशन को बड़े-बड़े छक्के लगाते देखते हैं, तो शायद यह अंदाज़ा नहीं लगा पाते कि इस तेज़तर्रार क्रिकेटर ने अपने सपनों को साकार करने के लिए कितनी कुर्बानियां दी हैं. 18 जुलाई 2025 को 27वां जन्मदिन मना रहे ईशान किशन सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं हैं, बल्कि वो उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर निकलते हैं. उनकी कहानी बताती है कि अगर जुनून सच्चा हो, तो रास्ते अपने आप बनते जाते हैं.
"ये बहुत शरारती है, इसे क्रिकेट खेलवा दीजिए"
ईशान की क्रिकेट की शुरुआत तब हुई जब वो महज़ 7 साल के थे. पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में उनके पिता उन्हें लेकर कोच उत्तम मजूमदार के पास पहुंचे. पिता ने हँसते हुए कहा, "घर में चैन नहीं लेने देता, दिनभर खेलना चाहता है. इसे क्रिकेट सिखा दीजिए." शुरुआत में कोच को ईशान की उम्र देखकर शक हुआ, मगर जैसे ही ईशान ने नेट्स में बल्ला उठाया, पहली ही गेंद पर ऐसा कवर ड्राइव मारा कि कोच हैरान रह गए. कोच ने तुरंत कहा, “अगर ये बच्चा भारत के लिए नहीं खेलेगा, तो देश का नुकसान होगा.”
12 साल की उम्र में घर छोड़ा, बर्तन धोने पड़े
सपनों के लिए ईशान ने कम उम्र में ही बड़ा बलिदान दिया. सिर्फ 12 साल की उम्र में वो पटना से रांची चले गए, क्योंकि वहां बेहतर मौके थे. एक छोटे से कमरे में सीनियर खिलाड़ियों के साथ रहते थे. खाना बनाना नहीं आता था, तो बर्तन धोना पड़ता था. लेकिन उन्हें कोई शिकायत नहीं थी, उन्हें सिर्फ क्रिकेट खेलना था. कोच मजूमदार का कहना है, “ईशान ने कभी मेहनत से मुंह नहीं मोड़ा. वो जानता था कि अगर कुछ बनना है, तो सब सहना होगा.”
16 की उम्र में रणजी डेब्यू
2014 में, सिर्फ 16 साल की उम्र में, ईशान किशन ने झारखंड की ओर से रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया. एक मैच में उन्हें अबु नेचिम की तेज़ गेंदों से सावधान रहने को कहा गया, मगर ईशान ने पहली ही गेंद पर शानदार ड्राइव लगाया और फिर उसी ओवर में दो छक्के मारकर खुद को साबित कर दिया.
रिकॉर्ड पारी जिसने नाम अमर कर दिया
2022 में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में ईशान ने सिर्फ 131 गेंदों पर दोहरा शतक ठोक डाला. ये किसी भी युवा बल्लेबाज़ के लिए सपने जैसा होता है. उन्होंने 10 छक्के और 24 चौके जमाकर दुनिया को दिखा दिया कि वो सिर्फ टैलेंटेड नहीं, बल्कि मेहनती भी हैं.
ईशान का दूसरा नाम 'छोटू' – और अब वो बन गए हैं ‘बड़ा नाम’
रणजी टीम में उन्हें सब 'छोटू' बुलाते थे, कोच के लिए वो 'ईशु' हैं. मगर अब वही छोटू पूरी दुनिया में अपने बल्ले की धमक से पहचाना जाता है. ईशान की एक खासियत है कि वो किसी भी बल्लेबाज़ी क्रम में खुद को ढाल लेते हैं, यही उन्हें एक बेहतरीन टीम मैन बनाता है.
खेल के साथ खाने का भी शौक
ईशान को मटन, गुलाब जामुन और रस मलाई बेहद पसंद हैं. फिटनेस के चलते उन्हें ये चीज़ें कम खानी पड़ती हैं, लेकिन जब भी अपने कोच के घर जाते हैं, तो कोई परहेज़ नहीं करते. खाने और क्रिकेट – दोनों में उनका दिल बराबर लगता है. ईशान किशन की कहानी हमें यही सिखाती है कि अगर आपके इरादे मजबूत हैं और आप मेहनत करने से नहीं डरते, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती. बर्तन धोने वाले हाथों से जब दोहरे शतक लगते हैं, तो वो सिर्फ रन नहीं होते, वो एक सपना होता है, जो सच्चाई बन चुका होता है.
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