अंदर से बर्फ की तरह ठंडा है आग उगलने वाला सूरज? NASA की इस खोज ने दुनिया को चौंकाया

    ये तस्वीरें ऐसे समय में आई हैं जब सूरज अपने 11 साल के सौर चक्र के सबसे सक्रिय चरण में प्रवेश कर चुका है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दौरान सूर्य के चुंबकीय ध्रुव उलट जाते हैं और उसकी सतह पर अधिक सौर धब्बे दिखने लगते हैं. इन धब्बों का आकार इतना बड़ा है कि हर एक पृथ्वी के किसी महाद्वीप के बराबर हो सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, ये धब्बे असल में सूरज की सतह पर मौजूद ठंडे और चुंबकीय रूप से सक्रिय क्षेत्र होते हैं.

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    Meta AI

    क्या आपने कभी सोचा है कि सूरज के अंदर क्या चल रहा होता है? धरती से करोड़ों किलोमीटर दूर चमकता यह तारा जितना सुंदर दिखता है, उतना ही रहस्यमयी भी है. अब, दुनिया के सबसे ताकतवर सौर टेलीस्कोप  डैनियल के. इनौये सोलर टेलीस्कोप ने हमें सूरज की सतह की ऐसी झलक दिखाई है, जैसी पहले कभी नहीं देखी गई.

    यू.एस. नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) के इस टेलीस्कोप से ली गई नई हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें बेहद खास हैं, क्योंकि ये न सिर्फ सूरज की सतह पर फैले विशाल सौर धब्बों (Sunspots) को दिखाती हैं, बल्कि इनसे जुड़ी तेज़ चुंबकीय गतिविधियों की भी बारीकी से जानकारी देती हैं. ये तस्वीरें नए विज़िबल ट्यूनएबल फिल्टर (VTF) से ली गई हैं, जो सूरज के रहस्यों को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

    सूरज का बदला मिज़ाज, दिख रहे हैं ज़्यादा धब्बे

    ये तस्वीरें ऐसे समय में आई हैं जब सूरज अपने 11 साल के सौर चक्र के सबसे सक्रिय चरण में प्रवेश कर चुका है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दौरान सूर्य के चुंबकीय ध्रुव उलट जाते हैं और उसकी सतह पर अधिक सौर धब्बे दिखने लगते हैं. इन धब्बों का आकार इतना बड़ा है कि हर एक पृथ्वी के किसी महाद्वीप के बराबर हो सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, ये धब्बे असल में सूरज की सतह पर मौजूद ठंडे और चुंबकीय रूप से सक्रिय क्षेत्र होते हैं, जो कई बार सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) जैसी खतरनाक घटनाओं को जन्म देते हैं.

    कोलोराडो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मार्क मीश बताते हैं कि सौर धब्बे गर्मी को रोकने वाले मैग्नेटिक प्लग की तरह होते हैं. भले ही ये बाकी सतह से ठंडे लगें, लेकिन फिर भी इनकी गर्मी धरती की किसी भी भट्टी से कई गुना ज़्यादा होती है.

    पृथ्वी पर भी हो सकता है असर

    जब सूर्य से ये शक्तिशाली विस्फोट होते हैं, तो वे अंतरिक्ष में आवेशित कणों को बाहर फेंकते हैं. अगर ये कण पृथ्वी तक पहुंचते हैं, तो वे हमारे संचार सिस्टम, उपग्रह, GPS और बिजली आपूर्ति को प्रभावित कर सकते हैं.

    क्यों ज़रूरी है सूरज की गतिविधियों पर नज़र रखना?

    NSF के वैज्ञानिक फ्रेडरिक वोएगर बताते हैं कि 1800 के दशक में एक शक्तिशाली सौर तूफान  कैरिंगटन इवेंट ने टेलीग्राफ लाइनों में आग लगा दी थी.  ऐसे तूफान और भी खतरनाक साबित हो सकते हैं. आज जब हमारी दुनिया टेक्नोलॉजी पर पूरी तरह निर्भर है ऐसे में सूरज की गतिविधियों पर नज़र रखना बेहद जरूरी है. 

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