'देश बचाना है तो…', ईरान ने एक लाइन में बंद कर दी ट्रंप की बोलती; क्या भड़केंगे अमेरिकी राष्ट्रपति?

    इज़राइल ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर सैन्य कार्रवाई करने की तैयारी में था और लगभग हमला करने ही वाला था.

    Iran silenced Trump in one line
    ट्रंप-खामेनेई | Photo: ANI

    मध्य पूर्व में हालात एक बार फिर बेहद तनावपूर्ण हो चुके थे. 8 मई की तारीख इतिहास के पन्नों में एक बड़ी त्रासदी के रूप में दर्ज हो सकती थी, अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतिम समय पर हस्तक्षेप न किया होता. इज़राइल ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर सैन्य कार्रवाई करने की तैयारी में था और लगभग हमला करने ही वाला था.

    हाल ही में एक इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि इज़राइल, ईरान पर हमला करने का पूरा मन बना चुका था. ट्रंप ने साफ किया कि वह नहीं चाहते थे कि उस समय युद्ध छिड़े, इसलिए उन्होंने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को तत्काल व्हाइट हाउस बुलाकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की.

    नेतन्याहू और ट्रंप की तीखी बहस

    सूत्रों के मुताबिक, व्हाइट हाउस में हुई इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच काफी तीखी बहस हुई. नेतन्याहू जहां ईरान के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के पक्ष में थे, वहीं ट्रंप ने इसे टालने की सलाह दी. ट्रंप ने चेताया कि अगर इज़राइल ने ईरान पर हमला किया, तो अमेरिका उसके साथ खड़ा नहीं होगा. इस चेतावनी के बाद नेतन्याहू को पीछे हटना पड़ा, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि यह सिर्फ एक मौका है — वह भी बेहद सख्त शर्तों पर.

    ईरान का जवाब: न्यूक्लियर प्रोग्राम नहीं रुकेगा

    ट्रंप की कोशिशों और इज़राइल की चेतावनियों के बावजूद ईरान अपने रुख पर कायम है. तेहरान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम से पीछे नहीं हटेगा. ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने दो टूक कहा कि ईरान यूरेनियम संवर्धन जारी रखेगा, चाहे अमेरिका को यह कितना भी नागवार क्यों न गुज़रे.

    IAEA की चेतावनी: ईरान बम के बेहद करीब

    इस बीच इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने भी चिंता जताई है. उनका कहना है कि ईरान अब न्यूक्लियर बम बनाने की दहलीज़ पर खड़ा है और अगर हालात काबू में नहीं आए, तो यह किसी भी समय हकीकत बन सकता है.

    ये भी पढ़ेंः यूनुस के सिर पर किसका हाथ? शहबाज को चुभो दी सुई, कहा- 1971 के अत्याचारों के लिए माफी मांगे पाकिस्तान