यूरोप की धरती पर ईरान के खिलाफ विरोध का एक नया अध्याय शुरू हो गया है. इटली की राजधानी रोम में गुरुवार को ईरान के प्रतिबंधित विपक्षी संगठन मुजाहिद्दीन-ए-खल्क (MEK) ने एक विशाल रैली का आयोजन किया, जिसमें लगभग 10,000 से अधिक लोग शामिल हुए. रैली में प्रदर्शनकारियों ने सिर पर स्कार्फ बांधकर ईरान में लोकतंत्र की बहाली और कट्टरपंथी शासन को खत्म करने की मांग उठाई.
इस प्रदर्शन में खुले तौर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सत्ता से हटाने का आह्वान किया गया. रैली का नारा था. "न युद्ध, न समर्पण — परिवर्तन जनता के हाथों", जिसमें यह स्पष्ट संकेत था कि ईरान की जनता अब बदलाव चाहती है. कार्यक्रम में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय देशों के पूर्व वरिष्ठ नेताओं ने भी भाग लिया और ईरान के सत्तारूढ़ तंत्र की तीखी आलोचना की.
अंतरराष्ट्रीय चेहरों की मौजूदगी
रैली की अहमियत इस बात से भी साबित होती है कि इसमें न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर रूडी गिउलियानी, ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली और यूरोपीय परिषद के पूर्व प्रमुख चार्ल्स मिशेल जैसे वैश्विक नेता मंच पर मौजूद रहे. इन नेताओं ने ईरान में मानवाधिकारों के हनन, राजनीतिक दमन और फांसी की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंता जताई.
रेजा पहलवी से संभावित मुलाकात
स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, MEK संगठन के प्रमुख की रोम में ही निर्वासित ईरानी राजपरिवार के उत्तराधिकारी रेजा पहलवी से मुलाकात की संभावना जताई गई है, जो इस वक्त जर्मनी के म्यूनिख में हैं. इस मुलाकात को ईरान में सत्ता परिवर्तन के प्रयासों की दिशा में एक अहम कड़ी माना जा रहा है.
ईरान का आरोप और वैश्विक प्रतिक्रिया
बीते दिनों ईरान ने ये दावा किया था कि देश की स्थिरता को बिगाड़ने के लिए सीमा पार से हथियार भेजे जा रहे हैं. वहीं, ईरानी अदालतों ने MEK कार्यकर्ताओं पर आतंकवाद, देशद्रोह, गोपनीय सूचनाएं इकट्ठा करने और 'ईश्वर के खिलाफ युद्ध' जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल और संयुक्त राष्ट्र ने इन मामलों में सुनवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कड़ी आलोचना की है.
MEK का इतिहास
मुजाहिद्दीन-ए-खल्क की स्थापना 1970 के दशक में हुई थी और इसने शुरुआत में शाह की सत्ता और अमेरिकी हितों के खिलाफ हिंसक अभियान चलाए थे. लेकिन 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद यह समूह मुख्यधारा से अलग हो गया और मौजूदा शासन के खिलाफ संघर्षरत हो गया. फिलहाल इसके नेता पेरिस में निर्वासन में हैं और संगठन के करीब 2,500 सदस्य अल्बानिया में रह रहे हैं, जिन्हें राजनीतिक गतिविधियों से अलग रखा गया है.
वैश्विक मंच पर संघर्ष की गूंज
अब जबकि रोम की सड़कों पर हज़ारों लोगों की आवाज़ गूंजी है, यह स्पष्ट है कि ईरान में बदलाव की मांग अब सीमाओं से परे निकल चुकी है. रोम की यह रैली न केवल MEK के संघर्ष का विस्तार है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है कि ईरानी जनता अपने भविष्य को खुद आकार देना चाहती है.
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