ईरान में हाई अलर्ट, किसी भी वक्त शुरू हो सकता है युद्ध; इजरायल से क्यों गुस्सा हैं खामेनेई? ट्रंप पर सबकी नजर!

    ईरान के वरिष्ठ सांसद फदाहुसैन मालेकी ने मंगलवार को एक गंभीर चेतावनी दी कि देश की स्थिति बेहद नाजुक है और युद्ध किसी भी समय फिर से शुरू हो सकता है.

    Iran on high alert Khamenei angry with Israel Trump
    खामेनेई | Photo: X/Khamenei

    ईरान के वरिष्ठ सांसद फदाहुसैन मालेकी ने मंगलवार को एक गंभीर चेतावनी दी कि देश की स्थिति बेहद नाजुक है और युद्ध किसी भी समय फिर से शुरू हो सकता है. उनका कहना है कि ईरान वर्तमान में हाई अलर्ट पर है और अगर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंधों को फिर से लागू किया तो वह यूरोप के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करेगा. मालेकी ने यह भी कहा, "युद्ध खत्म नहीं हुआ है, यह केवल अस्थायी रूप से रुका है, और यह किसी भी वक्त फिर से शुरू हो सकता है."

    अमेरिका और यूरोप के साथ तनाव

    यह बयान उस समय आया है जब ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने तीन दिन पहले कहा था कि उनका देश अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए यह जरूरी होगा कि अमेरिका और अन्य देशों से यह आश्वासन मिले कि भविष्य में ईरान पर हमला नहीं किया जाएगा. अराघची ने तेहरान में एक भाषण के दौरान कहा, "ईरान हमेशा से अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करने के लिए तैयार रहा है, लेकिन यह जरूरी है कि इस बार बातचीत फिर से युद्ध की दिशा में न बढ़े."

    इजरायल और अमेरिका के हमलों का असर

    अराघची ने 12 दिनों तक चले इजरायली हमलों और 22 जून को हुए अमेरिकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ईरान के साथ फिर से बातचीत की प्रक्रिया शुरू की जाती है, तो "पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी कार्रवाइयां दोबारा न हों." ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हुए इन हमलों ने बातचीत की संभावना को और भी जटिल बना दिया है, क्योंकि अब इस प्रकार के हमलों के बाद भरोसा कायम करना बहुत मुश्किल हो गया है.

    यूएन परमाणु एजेंसी से संबंध

    हमलों के बाद ईरान ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी (IAEA) के साथ अपना सहयोग रोक दिया, जिसके कारण एजेंसी के निरीक्षक भी वापस लौट गए. अराघची ने इस संदर्भ में कहा कि ईरान अब इस एजेंसी के साथ सहयोग "मामला दर मामला" करेगा और केवल तभी करेगा जब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ईरान की सुरक्षा चिंताएं पूरी तरह से ध्यान में रखी जाएंगी. उन्होंने यह भी कहा कि परमाणु स्थलों पर हमले के बाद, रेडियोधर्मी तत्वों के प्रसार और युद्ध के बचे हुए गोला-बारूद के विस्फोट का खतरा बढ़ गया है, जो ईरान की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकता है.

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