अमेरिकी एंबेसी पर ईरान ने साधा निशाना, फायर की कई मिसाइलें; कांप गई इजराइल की राजधानी तेल अवीव!

    Iran and Israel War: मध्य पूर्व में ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग अब खतरनाक मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है. रविवार को इजराइल के तेल-अवीव स्थित अमेरिकी दूतावास पर एक ईरानी मिसाइल गिरने की खबर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया.

    Iran attacked on israeli american embassy with missile  at capital tel aviv
    Image Source: Social Media

    Iran and Israel War: मध्य पूर्व में ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग अब खतरनाक मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है. रविवार को इजराइल के तेल-अवीव स्थित अमेरिकी दूतावास पर एक ईरानी मिसाइल गिरने की खबर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया. इस हमले में दूतावास की बिल्डिंग का एक हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया है. हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी की जान नहीं गई.

    तेल-अवीव पर मिसाइल हमला: क्या है पूरी घटना

    समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, ईरान द्वारा लगातार इजराइल पर दागे जा रहे मिसाइलों की एक श्रृंखला में से एक मिसाइल अमेरिकी दूतावास की इमारत से जा टकराई. इमारत को नुकसान पहुंचा है, लेकिन अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने बताया कि किसी को चोट नहीं आई है. हमले के बाद, तेल-अवीव स्थित वाणिज्य दूतावास और यरुशलम में अमेरिकी दूतावास को एहतियात के तौर पर एक दिन के लिए बंद कर दिया गया है.

    ईरान की नाराजगी अमेरिका से क्यों?

    ईरान का आरोप है कि इजराइल के हमलों के पीछे अमेरिका की रणनीतिक भूमिका है. इजराइल के अधिकतर आधुनिक हथियार अमेरिका द्वारा ही प्रदान किए गए हैं. F-35 जैसे एडवांस्ड स्टील्थ फाइटर जेट, जिनसे इजराइल ईरान पर हमले कर रहा है, अमेरिका की ही देन हैं. ईरान का मानना है कि इस संघर्ष की स्क्रिप्ट अमेरिका ने तैयार की है, जबकि इजराइल केवल क्रियान्वयन कर रहा है.

    जंग का दायरा बढ़ाने की रणनीति?

    ईरान अब संघर्ष को व्यापक बनाने की कोशिश करता दिख रहा है. अमेरिका के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर वह यह संकेत दे रहा है कि वह केवल इजराइल से नहीं, उसके अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से भी भिड़ने को तैयार है. कुछ दिन पहले इराक स्थित अमेरिकी बेस पर भी ड्रोन हमला हुआ था, जिसके पीछे ईरान समर्थित मिलिशिया संगठनों पर शक है. ईरानी नेतृत्व ने सार्वजनिक रूप से चेतावनी दी थी कि वह इजराइल के "मित्र देशों" को भी नहीं छोड़ेगा.

    अमेरिकी प्रशासन में बढ़ा डर

    तीन दिन पहले जब ईरान ने तेल-अवीव पर मिसाइलों की बारिश की थी, तब राजदूत हुकाबी को रातभर में पांच बार ठिकाना बदलना पड़ा. इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका भी अब इस टकराव में सीधी आंच महसूस कर रहा है.

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