तेहरान: पश्चिम एशिया में जब हालात बेहद तनावपूर्ण हैं, उसी दौरान एक सनसनीखेज खबर सामने आई है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची की हत्या की साजिश को सुरक्षा एजेंसियों ने विफल कर दिया है. यह कोशिश ऐसे वक्त में की गई जब अरागची जिनेवा में जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ होने वाली एक अहम परमाणु वार्ता की तैयारी में जुटे थे.
ईरानी समाचार एजेंसी ‘तस्नीम’ के मुताबिक, यह साजिश इजरायल की ओर से रची गई थी. विदेश मंत्री के सलाहकार मोहम्मद हुसैन रंजबरान ने कहा कि “देश के गुमनाम सुरक्षाकर्मियों” ने इस हमले को विफल कर देश को बड़ी त्रासदी से बचा लिया.
इजरायल पर गंभीर आरोप
मोहम्मद हुसैन रंजबरान ने अपने फारसी बयान में दावा किया कि जब से यह जानकारी सार्वजनिक हुई कि अरागची यूरोपीय ट्रोइका (जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन) से मुलाकात करने जा रहे हैं, तभी से उन्हें कई चेतावनियाँ मिल रही थीं. उन्होंने कहा, "हमें लगातार सतर्क किया जा रहा था कि जायोनी शासन (इजरायल) अरागची को निशाना बना सकता है. यह खतरा केवल एक आशंका नहीं, बल्कि वास्तविक था."
उन्होंने यह भी कहा कि अब्बास अरागची केवल एक राजनयिक नहीं, बल्कि देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत एक सिपाही हैं जो शहीद कासिम सुलेमानी की तरह अपने कर्तव्यों के लिए बलिदान देने को तैयार रहते हैं.
जिनेवा में होने जा रही है अहम वार्ता
अरागची की यह यात्रा उस वक्त हो रही है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है. इजरायल लगातार ईरान पर हवाई हमले कर रहा है, जबकि ईरान भी पलटवार कर रहा है. ऐसे समय में यूरोपीय देशों के साथ बातचीत की यह कोशिश बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
जिनेवा में अरागची, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी, फ्रांस और जर्मनी के शीर्ष राजनयिकों से मुलाकात करेंगे. हालांकि अमेरिका इस वार्ता में सीधे शामिल नहीं है, लेकिन इससे जुड़ी चर्चाओं और कूटनीतिक रणनीतियों में उसकी परोक्ष भूमिका मानी जा रही है. गौरतलब है कि डेविड लैमी हाल ही में वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से भी मुलाकात कर चुके हैं.
यूरोपीय संघ का संदेश
इस बीच, यूरोपीय संघ के प्रवक्ता अनुवार एल अनौनी ने बयान जारी कर कहा, “सभी पक्षों के बीच बातचीत ही एकमात्र समाधान है. हम तनाव कम करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.” उनका यह बयान दर्शाता है कि पश्चिमी देश इस संघर्ष को किसी स्थायी राजनयिक समाधान की ओर ले जाना चाहते हैं.
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