18 सालों बाद हाथ लगी ट्रॉफी; गदगद हुई RCB और उसके फैंस; कोहली ने ट्रॉफी को भी दिया मैसेज

    RCB Wins IPL 2025: अहमदाबाद की वो रात जब विराट कोहली की आंखों में जीत के आंसू थे, और RCB के फैंस की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. आखिरकार वो घड़ी आ ही गई जिसका इंतजार 17 नहीं, पूरे 18 सालों से हो रहा था.

    IPL 2025 Virat Kohli Wins Posted Message for trophy
    Image Source: Social Media (Instagram)

    RCB Wins IPL 2025: अहमदाबाद की वो रात जब विराट कोहली की आंखों में जीत के आंसू थे, और RCB के फैंस की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. आखिरकार वो घड़ी आ ही गई जिसका इंतजार 17 नहीं, पूरे 18 सालों से हो रहा था. मंगलवार रात RCB ने IPL 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया — और इसके साथ ही विराट कोहली के करियर की सबसे बड़ी अधूरी कहानी को एक शानदार अंत मिला.

    ट्रॉफी से मुलाकात, 18 साल बाद

    विराट कोहली ने जब पहली बार 2008 में RCB की जर्सी पहनी थी, तब शायद उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि इस टीम के साथ उनकी वफादारी इतनी लंबी चलेगी... और इंतजार इतना कठिन होगा. लेकिन आज, जब उन्होंने जीत की ट्रॉफी को छूते हुए कहा तुमने मुझे 18 साल इंतजार करवाया, लेकिन अब जब तुम्हें उठाया तो महसूस हुआ, ये इंतजार वाकई में खास था, तो पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा.

     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

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    दिल से खेली गई जीत

    मैच के बाद विराट कोहली ने इंस्टाग्राम पर कुछ यादगार तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि  टीम है जिसने इस सपने को सच किया. ये सीजन मैं कभी नहीं भूलूंगा. हमने दिल से खेला, हर पल का आनंद लिया. ये जीत उन फैंस की है, जो हमेशा हमारे साथ खड़े रहे. यह जीत सिर्फ ट्रॉफी की नहीं, एक जुनून की थी उस भरोसे की जो हर सीजन नतीजों से परे टीम के साथ खड़ा रहा.

    टूटे दिलों से लेकर ताज तक का सफर

    RCB तीन बार फाइनल में पहुंची, लेकिन हर बार चूक गई 

    • 2009: डेक्कन चार्जर्स से हार
    • 2011: चेन्नई सुपर किंग्स से शिकस्त
    • 2016: विराट की कप्तानी में हारे, सबसे करीब थे खिताब के

    इन नाकामियों ने टीम और फैंस दोनों का दिल तोड़ा, लेकिन RCB ने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी. 2020 से 2024 तक लगातार प्लेऑफ में पहुंचना दिखाता है कि टीम धीरे-धीरे खुद को बना रही थी.

    विराट और RCB – एक अपूरणीय रिश्ता

    विराट कोहली के लिए RCB सिर्फ एक फ्रेंचाइज़ी नहीं, एक भावना है. वो कभी ट्रॉफी के पीछे नहीं भागे, उन्होंने टीम के साथ खड़े रहने को चुना — हर जीत, हर हार और हर आलोचना के बीच भी. और यही वजह है कि जब उन्होंने आखिरकार ट्रॉफी उठाई, तो वो सिर्फ एक कप नहीं था — वो था विराट के 18 साल के समर्पण का ताज.

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