इंदौर में रिटायर्ड डॉक्टर के साथ साइबर फ्रॉड, एक महीने तक रखा डिजिटल अरेस्ट, ऐंठ लिए 4.5 करोड़ रुपये

    मध्य प्रदेश के इंदौर से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एमजीएम मेडिकल कॉलेज से रिटायर्ड एक बुजुर्ग डॉक्टर के साथ करोड़ों रुपए की साइबर ठगी की गई.

    Indore doctor loses ₹4.5 crore in fake court scam SBI manager arrested
    Image Source: Freepik

    Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एमजीएम मेडिकल कॉलेज से रिटायर्ड एक बुजुर्ग डॉक्टर के साथ करोड़ों रुपए की साइबर ठगी की गई. आरोपियों ने इस ठगी को अंजाम देने के लिए न सिर्फ धोखाधड़ी का सहारा लिया, बल्कि बुजुर्ग को एक महीने तक डराया-धमकाया और मानसिक दबाव में रखते हुए 4.50 करोड़ रुपये हड़प लिए. अब इस मामले में पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें एक आरोपी बैंक के मैनेजर भी शामिल है.

    धोखाधड़ी का तरीका

    यह घटना तब सामने आई जब इंदौर के एक रिटायर्ड डॉक्टर ने राज्य साइबर सेल को शिकायत दर्ज कराई. आरोपियों ने खुद को टाई के अधिकारी बताकर डॉक्टर को डराया और उन्हें एक महीने तक 'हाउस अरेस्ट' जैसा माहौल बनाया. इस दौरान उन्हें एक फर्जी ऑनलाइन कोर्ट में भी पेश किया गया, जिसकी लिंक कंबोडिया से जुड़ी बताई जा रही है. डॉक्टर को लगातार मानसिक रूप से परेशान किया गया, जिससे वह धोखाधड़ी के जाल में फंस गए.

    बैंक खातों में ट्रांसफर हुई रकम

    साइबर ठगों ने इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए बुजुर्ग को अपने बैंक खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. जब डॉक्टर ने अपनी एफडी तुड़वाने के लिए बैंक का रुख किया, तो बैंक के मैनेजर को इस पर शक हुआ. इस दौरान डॉक्टर ने पूरी कहानी बताई, जिसके बाद परिजनों को मामले की जानकारी दी गई और साइबर सेल को शिकायत दर्ज कराई गई. जांच के दौरान यह पता चला कि पैसे विभिन्न खातों के माध्यम से विदेशों में भेजे गए थे, जिनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हैदराबाद के बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया गया था.

    पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

    राज्य साइबर सेल ने मामले की गहन जांच शुरू की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों में उज्जैन स्थित SBI ब्रांच के मैनेजर सादिक पटेल, और दो अन्य आरोपी साहिल और सोहेल शामिल हैं. साइबर सेल ने आरोपियों के खातों में जमा 3.78 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया है.

    आगे की जांच

    पुलिस का कहना है कि इस हाई-प्रोफाइल ठगी रैकेट में जल्द ही और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. फिलहाल, पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है जो इस धोखाधड़ी में शामिल हो सकते हैं. इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराधियों के जाल में बुजुर्गों को विशेष रूप से निशाना बनाया जाता है, और इससे बचने के लिए ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता है.

    ये भी पढ़ें: MP सरकार का शहरी गरीबों को बड़ा तोहफा, 2020 तक सरकारी जमीन पर रहने वालों को मिलेगा मालिकाना हक