Indonesia Volcano Eruption: इंडोनेशिया के लवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी ने सोमवार को एक खतरनाक विस्फोट किया, जिससे आसमान में 18 किलोमीटर तक राख और धुएं का गुबार पहुंच गया. इस विस्फोट ने न केवल स्थानीय गांवों में दहशत फैला दी, बल्कि एक बार फिर से इस ज्वालामुखी की खतरनाक शक्ति का अहसास करवा दिया. पिछले साल के एक हादसे की यादों को ताजा करते हुए, इस विस्फोट ने और भी भयावह परिस्थितियों को जन्म दिया.
लवोटोबी ज्वालामुखी का ताजा विस्फोट
इंडोनेशिया के लवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी ने सोमवार को जबरदस्त विस्फोट किया. आग, धुएं और राख का ऐसा गुबार उठते हुए आसमान में 18 किलोमीटर तक फैल गया कि यह दृश्य डराने वाला था. यह वही ज्वालामुखी है, जिसने नवंबर 2022 में 9 लोगों की जान ले ली थी. सोमवार का विस्फोट पिछले साल की घटना से भी ज्यादा शक्तिशाली था. विस्फोट से निकले लावा और गर्म गैस ने आस-पास के इलाके को नुकसान पहुंचाया और खतरे की एक नई लकीर खींच दी.
लवोटोबी ज्वालामुखी के गड्ढे में लावा और मैग्मा की गतिविधियां
इंडोनेशिया की भूगर्भ एजेंसी के मुताबिक, विस्फोट से लावा, गर्म गैस और धधकते पत्थर 5 किलोमीटर तक लुढ़कते हुए लवोटोबी की ढलानों को ढकने लगे. ड्रोन से की गई निरीक्षण में पाया गया कि ज्वालामुखी के गड्ढे में लावा भर चुका है और अंदर गहरे मैग्मा की गतिविधियां जारी हैं. इस बढ़ते खतरे को देखते हुए अधिकारियों ने आसपास के इलाके को खाली करने का आदेश दे दिया है. अब तक सात किलोमीटर तक के इलाके को खाली करने की योजना बनाई गई है.
7 किलोमीटर तक खाली करने का आदेश
ज्वालामुखी के विस्फोट ने स्थानीय प्रशासन को एक बड़ी चुनौती दी है. अधिकारियों ने खतरे के बढ़ते क्षेत्र को देखते हुए 7 किलोमीटर तक के इलाके को पूरी तरह खाली करने का आदेश दिया है. इस आदेश के तहत, पर्यटकों और स्थानीय लोगों को इस खतरनाक क्षेत्र से दूर रहने की हिदायत दी गई है. इलाके में रहने वाले लोग अब अस्थायी शरण स्थलों पर जा रहे हैं और प्रभावित गांवों से पलायन कर रहे हैं.
हवाई उड़ानों पर असर और एयरपोर्ट बंदी
ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद हवा में फैली राख और गैस का असर हवाई उड़ानों पर भी पड़ने की संभावना है. फ्लोरेस टिमूर जिले का फ्रांस सेडा एयरपोर्ट पिछले साल के विस्फोट के बाद से बंद पड़ा था, और अब इस नए विस्फोट ने उसकी बंदी को और पुख्ता कर दिया है. इससे एयरलाइंस और हवाई यातायात पर गंभीर असर पड़ सकता है. इस विस्फोट को लेकर इंडोनेशिया के भूगर्भ प्रमुख मुहम्मद वाफिद ने कहा, "यह विस्फोट हमारे देश की अब तक की सबसे शक्तिशाली ज्वालामुखीय घटनाओं में से एक है."
'रिंग ऑफ फायर' में ज्वालामुखीय और भूकंपीय गतिविधियां
इंडोनेशिया और भारत दोनों ही 'रिंग ऑफ फायर' नामक भूकंपीय क्षेत्र में स्थित हैं, जो पृथ्वी के सबसे सक्रिय ज्वालामुखीय और भूकंपीय क्षेत्र में से एक है. यहां पर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट सामान्य घटनाएं हैं, लेकिन इस तरह के विस्फोट न केवल स्थानीय जीवन को खतरे में डालते हैं, बल्कि यह वैश्विक जलवायु और एविएशन को भी प्रभावित करते हैं.
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