नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई अहम नियमों में संशोधन किया है. नए प्रावधान मुख्य रूप से उन यात्रियों के लिए बनाए गए हैं जिन्हें यात्रा के दौरान विशेष सहायता की आवश्यकता होती है- जैसे वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएँ, 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएँ, दिव्यांगजन और दृष्टिबाधित यात्री. रेलवे का कहना है कि इन बदलावों के लागू होने से ट्रेन यात्रा और अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और सुगम होगी.
लोअर बर्थ आवंटन की प्रक्रिया अब अधिक सरल
रेलवे के नए नियमों में लोअर बर्थ से जुड़ा प्रावधान सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अब टिकट बुकिंग के दौरान यदि वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएँ या 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएँ लोअर बर्थ का विकल्प चुनना भूल जाएँ, तब भी सिस्टम उपलब्धता के आधार पर स्वतः उन्हें निचली बर्थ देने की कोशिश करेगा. यह निर्णय उन यात्रियों के लिए राहत है जिनके लिए ऊपर की बर्थ पर चढ़ना मुश्किल रहता है.
इसके साथ ही रेलवे ने साफ किया है कि हर स्लीपर, 3AC और 2AC कोच में इस श्रेणी के यात्रियों के लिए निश्चित संख्या में लोअर बर्थ आरक्षित रहेंगी. यह संख्या ट्रेन की संरचना के अनुसार थोड़ी बदल सकती है, लेकिन प्राथमिकता हमेशा इन्हीं समूहों को दी जाएगी.
दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष कोटा होगा लागू
रेलवे ने दिव्यांगजन यात्रियों के लिए आरक्षण को और मजबूत करते हुए सभी प्रमुख ट्रेनों में विशेष कोटा अनिवार्य कर दिया है. राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में भी यह कोटा सुनिश्चित किया जाएगा. यह आरक्षण न केवल दिव्यांग यात्रियों बल्कि उनके साथ यात्रा करने वाले अटेंडेंट के लिए भी लागू होगा. विभिन्न वर्गों में सीटों और बर्थ की संख्या तय कर रेलवे ने सुनिश्चित किया है कि उन्हें यात्रा के दौरान किसी तरह की असुविधा न हो.
ट्रेनों में लगाए जाएंगे विशेष दिव्यांग कोच
रेलवे ने अधिकांश मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में ऐसे विशेष कोच जोड़ने शुरू किए हैं जो खासतौर पर दिव्यांग यात्रियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं. इन कोचों में चौड़े दरवाज़े, बड़े आकार के टॉयलेट, मजबूत पकड़ने वाली रेलिंग, व्हीलचेयर पार्किंग की जगह और समुचित ऊँचाई पर लगे वॉश बेसिन जैसी सुविधाएँ मौजूद होंगी. रेलवे का मानना है कि इससे दिव्यांगजन को यात्रा के दौरान आत्मनिर्भरता और सुरक्षा दोनों का एहसास मिलेगा.
दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए ब्रेल संकेतक बोर्ड
दृष्टिबाधित यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कोचों में ब्रेल लिपि में संकेतक लगाने का निर्णय लिया है. इन बोर्डों में सीट नंबर, कोच की पहचान, टॉयलेट का मार्ग और अन्य आवश्यक जानकारी ब्रेल में अंकित होगी. इससे दृष्टिबाधित यात्रियों को कोच के भीतर दिशानिर्देशन में काफी आसानी होगी.
ट्रेनों में आधुनिक एक्सेसिबिलिटी फीचर्स
नई वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों में दिव्यांगजन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सुविधाएँ जोड़ी गई हैं. इन ट्रेनों के पहले और आखिरी कोच में व्हीलचेयर स्पेस, विशेष रूप से डिजाइन किए गए टॉयलेट और रैंप लगाए गए हैं, जिससे चढ़ने और उतरने की प्रक्रिया सरल हो जाती है. रेलवे ने कोचों में सुरक्षा संकेतों, दरवाज़ों के पास मार्किंग और आधुनिक सुविधाओं के साथ इन ट्रेनों को अधिक उपयोगकर्ता फ्रेंडली बनाया है.
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