Henley Passport Index Indian Passport Ranking: दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्टों की सूची में भारत ने बड़ी छलांग लगाई है. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की ताजा रिपोर्ट में भारत 85वें स्थान से सीधे 77वें स्थान पर पहुंच गया है. यह छलांग सिर्फ एक रैंकिंग सुधार नहीं है, बल्कि भारत के वैश्विक प्रभाव और कूटनीतिक मजबूती का संकेत भी है.
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स, एक प्रतिष्ठित वैश्विक रैंकिंग है जो यह बताता है कि किसी देश के नागरिक कितने देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं. भारत के नागरिक अब 59 देशों में बिना वीजा के या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा के साथ यात्रा कर सकते हैं.
भारत की छलांग क्यों मायने रखती है?
पिछले कुछ वर्षों में जहां पारंपरिक महाशक्तियों जैसे अमेरिका और ब्रिटेन की वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता में गिरावट आई है, वहीं भारत जैसे देशों ने धीरे-धीरे लेकिन लगातार अपनी स्थिति मजबूत की है. हेनले एंड पार्टनर्स के सीईओ डॉ. जुएर्ग स्टीफन के अनुसार, “पासपोर्ट अब सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि आपके देश की अंतरराष्ट्रीय हैसियत और कूटनीति का आईना बन चुका है. भारत का उठाव इसी कूटनीतिक सशक्तिकरण का संकेत है.”
अमेरिका और ब्रिटेन के लिए चेतावनी की घंटी
अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश जहां कभी शीर्ष पर थे, अब नीति स्तर पर बढ़ती अंतर्मुखता के कारण नीचे खिसकते जा रहे हैं. अमेरिका दसवें स्थान पर फिसल गया है और विशेषज्ञों का मानना है कि वह जल्द ही शीर्ष 10 से बाहर भी हो सकता है. वहीं ब्रिटेन अब छठे पायदान पर है. डॉ. स्टीफन के मुताबिक, "अमेरिकन और ब्रिटिश नागरिकों के बीच अब वैकल्पिक नागरिकता और वैश्विक पहुंच को लेकर उत्सुकता बढ़ रही है. यह संकेत है कि उनके अपने देशों की नीतियां उन्हें सीमित कर रही हैं.”
🇸🇬 सबसे ताकतवर पासपोर्ट बना सिंगापुर का
इस साल भी सिंगापुर ने पहला स्थान बरकरार रखा है. सिंगापुर के नागरिक 227 में से 193 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर, अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर बना हुआ है, जिसकी पहुंच केवल 25 देशों तक ही सीमित है.
🇸🇦 सऊदी अरब और भारत की रफ्तार
भारत के साथ-साथ सऊदी अरब ने भी बड़ी छलांग लगाई है. सऊदी नागरिकों को अब 4 अतिरिक्त देशों में वीजा-फ्री एंट्री मिली है, जिससे उनका पासपोर्ट और ज्यादा प्रभावशाली हुआ है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इन देशों ने रणनीतिक कूटनीतिक प्रयासों और द्विपक्षीय समझौतों के जरिए यह उपलब्धि हासिल की है.
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