70 प्रतिशत आतंकी ठिकाने पर इंडियन आर्मी का प्रहार, बाकियों पर एयरफोर्स ने बरसाए बम... आतंकिस्तान की तबाही की कहानी

    भारतीय सशस्त्र बलों ने पहले गहन खुफिया विश्लेषण के जरिए पाकिस्तान और PoK के भीतर एक दर्जन से ज्यादा आतंकी अड्डों की पहचान की. इनमें से 9 ठिकानों को प्राथमिकता के आधार पर चुना गया.

    Indian Army attacked 70 percent of terrorist hideouts Air Force
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के ठीक 16 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान को ज़ोरदार और स्पष्ट संदेश दे दिया. मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया. इस कार्रवाई में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाने पर लिया गया — और यही इसकी रणनीतिक परिपक्वता को दर्शाता है.

    क्यों चुने गए ये 9 ठिकाने?

    सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बलों ने पहले गहन खुफिया विश्लेषण के जरिए पाकिस्तान और PoK के भीतर एक दर्जन से ज्यादा आतंकी अड्डों की पहचान की. इनमें से 9 ठिकानों को प्राथमिकता के आधार पर चुना गया, क्योंकि इन्हीं से भारत पर हुए हालिया हमलों की साजिश रची गई थी. यह सारे कैंप भारत की सीमा से करीब 100 किलोमीटर के अंदर स्थित थे — यानी कार्रवाई गहरी और सटीक थी.

    किन आतंकी संगठनों को निशाना बनाया गया?

    इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के अड्डे ध्वस्त कर दिए गए. भारत ने हमले से पहले अमेरिका, रूस, ब्रिटेन समेत कई वैश्विक ताकतों को इसकी जानकारी दी थी — ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि यह ऑपरेशन पूरी तरह आतंक के खिलाफ है, न कि किसी देश की संप्रभुता के विरुद्ध.

    ऑपरेशन सिंदूर के प्रमुख लक्ष्य:

    • बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी अंदर — पूरी तरह तबाह.
    • मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा, सांबा सेक्टर से 30 किमी अंदर — मुंबई 26/11 हमलों के सूत्र इसी से जुड़े थे.
    • गुलपुर: पुंछ-राजौरी के पास स्थित, 2023 और 2024 के हमलों की जड़ — मिसाइल हमले में ध्वस्त.
    • सवाई, तंगधार सेक्टर: लश्कर का अड्डा, 2024-25 में गुलमर्ग और पहलगाम हमलों से जुड़ा — नष्ट किया गया.
    • बिलाल कैंप: जैश का लॉन्चपैड — आतंकियों का जमावड़ा मिटा दिया गया.
    • कोटली कैंप: लश्कर का बमबारी प्रशिक्षण केंद्र — करीब 50 आतंकियों के रहने की क्षमता समाप्त.
    • बरनाला कैंप: LOC से 10 किमी अंदर — आतंकियों की ट्रेनिंग अब इतिहास.
    • सरजाल कैंप: जैश का और एक गुप्त ठिकाना — सांबा-कठुआ के सामने — ज़मीन में मिला दिया गया.
    • महमूना कैंप: सियालकोट के पास स्थित, हिज्बुल का प्रशिक्षण केंद्र — पूरी तरह खत्म.

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