नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने अपनी हवाई युद्धक क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए अपने प्रमुख लड़ाकू विमान Su-30MKI को इजरायली I-Derby ER और स्वदेशी Astra Mk-1 मिसाइलों से लैस कर दिया है. यह कदम न केवल तकनीकी उन्नयन का संकेत है, बल्कि यह 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद सामने आई रणनीतिक कमियों की प्रभावशाली भरपाई भी है.
2019 की सीख से तैयार आज का जवाब
27 फरवरी 2019 को बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए हवाई जवाबी कार्रवाई में भारतीय Su-30MKI विमानों को AIM-120C AMRAAM मिसाइलों के खिलाफ तैनात होना पड़ा था. उस समय भारतीय वायुसेना के पास सीमित रेंज वाली रूसी R-77 मिसाइलें थीं, जिनकी अधिकतम प्रभावी रेंज लगभग 80 किमी मानी जाती है. इस घटना ने स्पष्ट किया कि भारत को उन्नत Beyond Visual Range (BVR) मिसाइलों की आवश्यकता है.
I-Derby ER: तकनीक से मिली मारक बढ़त
I-Derby ER एक लॉन्ग-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल है, जिसे इजरायली रक्षा कंपनी Rafael Advanced Defense Systems ने विकसित किया है. यह मिसाइल 100 किमी से अधिक की दूरी तक सटीक निशाना साधने में सक्षम है और Su-30MKI की हवाई लड़ाकू क्षमता में क्रांतिकारी इजाफा करती है. इसकी खासियतों में फायर-एंड-फॉरगेट क्षमता, डुअल मोड रडार, और उच्च गतिशीलता शामिल है.
Astra Mk-1: आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
भारत में विकसित Astra Mk-1 मिसाइल, जिसे DRDO ने तैयार किया है, Su-30MKI को 110 किमी से अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता देती है. इसका सक्रिय रडार होमिंग सिस्टम इसे अत्यधिक विश्वसनीय बनाता है. Astra Mk-1 के शामिल होने से वायुसेना की स्वदेशी मारक क्षमता बढ़ी है और विदेशी हथियारों पर निर्भरता घटाई गई है.
Su-30MKI: अब बहु-आयामी घातक प्लेटफॉर्म
I-Derby ER और Astra Mk-1 के एकीकरण से Su-30MKI अब सिर्फ एक डिफेंसिव एयरक्राफ्ट नहीं रहा, बल्कि एक फुल-स्पेक्ट्रम अटैक प्लेटफॉर्म बन गया है. यह परिवर्तन न केवल BVR युद्धों के लिए निर्णायक है, बल्कि क्षेत्रीय वायु वर्चस्व बनाए रखने में भी मददगार साबित होगा. अब Su-30MKI 100–110 किमी की दूरी तक लक्ष्य को ट्रैक और नष्ट कर सकता है — वह भी दिन, रात या खराब मौसम में.
Astra Mk-2 और Mk-3 की ओर बढ़ते कदम
पाकिस्तान ने अपने JF-17 Block III विमानों को चीनी PL-15 मिसाइलों से लैस किया है, जिनकी रेंज लगभग 145 किमी है. जवाब में, भारत ने पहले ही Astra Mk-2 और Mk-3 जैसी एडवांस मिसाइल प्रणालियों के विकास की दिशा में काम तेज कर दिया है, जो 150 किमी रेंज तक प्रभावी होंगी.
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