अमेरिका की धाक होगी कम, 2038 तक भारत बनेगा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, EY की रिपोर्ट में बड़ा दावा

    भारत आने वाले सालों में वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी स्थिति और भी मजबूत कर सकता है. अगर सबकुछ अनुमान के मुताबिक रहा, तो साल 2038 तक क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.

    India will become the world s second largest economy by 2038
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    नई दिल्ली: दुनिया भर में चल रही आर्थिक अनिश्चितताओं और व्यापारिक तनावों के बीच भारत के लिए एक उम्मीद की किरण सामने आई है. जानी-मानी कंसल्टिंग कंपनी EY (Ernst & Young) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत आने वाले सालों में वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी स्थिति और भी मजबूत कर सकता है. अगर सबकुछ अनुमान के मुताबिक रहा, तो साल 2038 तक क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.

    क्रय शक्ति के आधार पर भारत को मिलेगी बड़ी छलांग

    EY की यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों पर आधारित है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अनुमानित GDP (PPP आधार पर) 2038 तक 34.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकती है. इस आंकड़े के साथ भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा और केवल चीन से पीछे रहेगा.

    युवाओं की ताकत बनेगी भारत की सबसे बड़ी पूंजी

    भारत की सबसे बड़ी ताकत है इसकी युवा आबादी. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में भारत की औसत आयु महज 28.8 वर्ष है, जो इसे दुनियाभर की विकसित अर्थव्यवस्थाओं से अलग बनाता है. युवा जनसंख्या के कारण न केवल श्रम बल मजबूत रहेगा, बल्कि घरेलू मांग भी लगातार बनी रहेगी, जो GDP को सहारा देगी.

    बचत दर और कर्ज नियंत्रण में भारत दुनिया से आगे

    भारत दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी बचत दर वाला देश बन चुका है. इसके साथ ही, सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात में भी भारत की स्थिति सुधार की ओर है. EY की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अनुपात 2024 के 81.3% से घटकर 2030 तक 75.8% पर आ सकता है. यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारत अन्य देशों की तुलना में कम कर्ज में ज्यादा विकास करने की दिशा में है.

    चीन, अमेरिका और जापान: भारत से कैसे अलग हैं?

    जहां एक ओर भारत अपनी युवा जनसंख्या और संतुलित कर्ज़-नीति के साथ आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं कई चुनौतियों से जूझ रही हैं. चीन, हालांकि PPP के हिसाब से 2030 में 42.2 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बना रहेगा, लेकिन उसकी बूढ़ी होती आबादी और तेजी से बढ़ता कर्ज चिंता का विषय है. अमेरिका की अर्थव्यवस्था आज भी मजबूत है, लेकिन GDP के मुकाबले 120% कर्ज और धीमी ग्रोथ रेट उसे पीछे खींच सकती है. जापान और जर्मनी जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी मध्यम आयु वर्ग की अधिकता और वैश्विक व्यापार पर निर्भरता के कारण सीमित विकास की स्थिति में हैं.

    भारत को अमेरिका के टैरिफ से कितना नुकसान?

    हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है, जिसमें 25% सामान्य टैरिफ और 25% रूस से कच्चे तेल की खरीद पर दंड स्वरूप शामिल हैं. EY का अनुमान है कि इस टैरिफ से भारत की GDP पर 0.9% तक असर पड़ सकता है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर भारत अपने घरेलू बाजार को मजबूत रखता है, ट्रेड पार्टनरशिप्स बढ़ाता है, और नए निर्यात विकल्पों को तलाशता है, तो इस टैरिफ का असर घटकर सिर्फ 0.1% तक सीमित रह सकता है.

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