SCO MEETING DECLARATION: चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भारत को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है. आतंकवाद के खिलाफ जो रुख भारत वर्षों से मजबूती से रखता आया है, उसे अब सभी सदस्य देशों का खुला समर्थन मिल गया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर SCO के संयुक्त घोषणापत्र में स्पष्ट शब्दों में निंदा की गई. यह भारत के लिए केवल भावनात्मक मुद्दा नहीं, बल्कि एक निर्णायक राजनयिक जीत है.
SCO सदस्य देशों ने पहलगाम हमले को “आतंकवाद का घिनौना चेहरा” बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. सदस्य राष्ट्रों ने यह भी कहा कि इस हमले के दोषियों, योजनाकारों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
घोषणापत्र में आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ सामूहिक संघर्ष का संदेश देते हुए यह साफ किया गया कि सीमा पार आतंकवाद सहित किसी भी रूप में आतंक को अब सहन नहीं किया जाएगा. इस स्पष्ट रुख़ से भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उस समर्थन की ताकत मिली है, जिसकी वह लंबे समय से मांग करता रहा है.
चीन ने बदला रुख, भारत की दृढ़ता रंग लाई
यह उल्लेख करना जरूरी है कि चीन पहलगाम हमले को SCO घोषणापत्र में शामिल करने के पक्ष में नहीं था. जून में हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान जब इस मुद्दे को नजरअंदाज किया गया, तो भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया था. अब, वही मुद्दा न केवल घोषणापत्र में शामिल हुआ है, बल्कि उस पर सभी देशों की सहमति भी बनी है. यह भारत की मजबूत कूटनीति और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है.
‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ को भी मिला समर्थन
भारत की वैश्विक सोच को भी SCO के मंच पर मान्यता मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आधारित ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ की थीम को SCO घोषणापत्र में शामिल किया गया है, जो कि भारत के समावेशी और सार्वभौमिक दृष्टिकोण को दर्शाता है.
साथ ही, नई दिल्ली में आयोजित 5वीं SCO स्टार्टअप फोरम और 20वीं SCO थिंक टैंक फोरम की सराहना की गई है. साथ ही भारतीय विश्व मामलों की परिषद में SCO अध्ययन केंद्र की भूमिका को भी मान्यता दी गई, जिसने सदस्य देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत किया है.
भारत की भूमिका मजबूत, नेतृत्व को मिली स्वीकृति
इस पूरे सम्मेलन के बाद एक बात साफ है, SCO में भारत अब केवल एक सदस्य नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है. आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, वैश्विक मुद्दों पर स्पष्ट रुख़ और सामूहिक विकास की सोच के चलते भारत को अब केवल दक्षिण एशिया में नहीं, बल्कि पूरे एशियाई क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार माना जा रहा है.
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