भारत-पाकिस्तान के बीच गहराते तनाव का असर अब स्पष्ट रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में देखा जा सकता है. यहां का माहौल भय और अनिश्चितता से भरा हुआ है. नियंत्रण रेखा के पास बसे इस क्षेत्र में लोगों को न केवल रोजमर्रा की जरूरतों के लिए राशन जमा करने की हिदायत दी गई है, बल्कि स्थानीय मदरसों को भी एहतियातन बंद कर दिया गया है.
हालात इतने संवेदनशील हो चुके हैं कि जिस नीलम घाटी में हर साल लाखों पर्यटक गर्मियों के दौरान सुकून की तलाश में आते थे, वहां अब वीरानी और खामोशी छाई हुई है. पर्यटन पर निर्भर यह इलाका अब संघर्ष की आशंका से जूझ रहा है.
नीलम घाटी: जहां पहले सैलानी थे, अब सन्नाटा है
नीलम घाटी नियंत्रण रेखा से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे यह किसी भी संभावित सैन्य गतिविधि की सीधी जद में आता है. घाटी के एक होटल व्यवसायी ने बताया कि मौजूदा तनाव ने पूरे पर्यटन व्यवसाय को ठप कर दिया है. "जो पर्यटक पहले से यहां थे, वे वापस लौट चुके हैं, और नए आने से कतरा रहे हैं."
इस घाटी में हर साल लगभग 3 लाख पर्यटक आया करते थे, लेकिन अब होटल खाली पड़े हैं और पर्यटन से जुड़े सैकड़ों लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.
बंकर नहीं, बढ़ती जनसंख्या है नई चुनौती
एक समय था जब पाकिस्तान सरकार स्थानीय लोगों को बंकर बनाने में सहायता करती थी, लेकिन अब जनसंख्या के बढ़ने से कई घरों में शेल्टर की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में युद्ध जैसी स्थिति में आम नागरिकों के लिए खतरा और अधिक गंभीर हो सकता है.
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