भारत ने 13 मई स्पष्ट कर दिया कि अब कूटनीतिक धोखेबाजी और आतंक का समर्थन कतई नहीं चलेगा. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी को "persona non grata" घोषित करते हुए भारत सरकार ने 24 घंटे में देश छोड़ने का निर्देश दिया. इसका सीधा मतलब है — अब नियम तोड़ने वालों के लिए भारत में कोई जगह नहीं है. यह फैसला उस वक्त लिया गया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन की सैन्य झड़प के बाद संघर्षविराम (Ceasefire) लागू हुआ है.
भारत का पाक पर राजनयिक प्रहार
विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि पाकिस्तानी अधिकारी अपनी राजनयिक स्थिति के अनुरूप आचरण नहीं कर रहे थे, जो विएना संधि का उल्लंघन है. इस पर भारत ने औपचारिक आपत्ति (Demarche) जताई और पाकिस्तान उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारी को बुलाकर कड़ा विरोध दर्ज कराया. Demarche एक ऐसा राजनयिक उपकरण है, जिससे सरकार किसी अन्य देश के खिलाफ आधिकारिक आपत्ति जताती है. भारत ने इसे अपनाकर यह जता दिया कि अब बात सिर्फ कूटनीति की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की है.
आतंक के अड्डों पर भारत का हमला
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. इस दौरान पाक वायुसेना के प्रतिष्ठित एयरबेस — नूर खान, भोलारी और जैकबाबाद को भी निशाना बनाया गया, जिनकी सैटेलाइट तस्वीरों ने पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान की कमजोरियों को उजागर कर दिया.
पीएम मोदी का कड़ा संदेश
मंगलवार को आदमपुर एयरबेस से बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर फिर कोई हमला हुआ, तो जवाब निश्चित होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपना चुका है. उन्होंने कहा, "भारत में निर्दोष लोगों का खून बहाने का अंजाम एक ही होगा—विनाश और महाविनाश." उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान में ऐसा कोई ठिकाना नहीं बचा है, जहां आतंकवादी चैन की सांस ले सकें; भारत उन्हें उनके घर में घुसकर मारेगा.
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