नेपाल में हालात बेकाबू, भारत सीमा पर हाई अलर्ट... Gen-Z आंदोलनकारियों को जवानों ने खदेड़ा

    नेपाल में सरकार विरोधी युवा आंदोलन और उससे भड़की हिंसा ने भारत-नेपाल सीमा को तनाव की आग में झोंक दिया है. 9 सितंबर 2025 को नेपाल के काठमांडू और अन्य शहरों में हिंसक प्रदर्शनों के बाद भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य कर दिया है.

    India on alert as Nepal s Gen-Z protesters reach border
    Image Source: ANI

    नई दिल्ली: नेपाल में सरकार विरोधी युवा आंदोलन और उससे भड़की हिंसा ने भारत-नेपाल सीमा को तनाव की आग में झोंक दिया है. 9 सितंबर 2025 को नेपाल के काठमांडू और अन्य शहरों में हिंसक प्रदर्शनों के बाद भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य कर दिया है. बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से सटी 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस की टीमें चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं. नेपाल में सामाजिक मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है, जिसके चलते सीमा पार व्यापार और पर्यटन ठप हो गया है. भारत ने नेपाल में फंसे अपने नागरिकों की मदद के लिए कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन शुरू की हैं. आइए, इस संकट के हर पहलू को विस्तार से समझें.

    सीमा पर सख्ती: बिहार में गलगलिया तक पहुंचे प्रदर्शनकारी

    नेपाल के हिंसक प्रदर्शनों का असर भारत की सीमाओं तक पहुंच गया, जब मंगलवार को आंदोलनकारी बिहार के किशनगंज जिले में गलगलिया सीमा के पास आगजनी करते हुए दिखे. सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें खदेड़ दिया. किशनगंज के पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने एसएसबी के साथ मिलकर गलगलिया क्षेत्र का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. बिहार पुलिस मुख्यालय ने सात सीमावर्ती जिलों - पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज - को विशेष हाई अलर्ट पर रखा है. जोगबनी और सिकटी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भारतीय वाहनों को नेपाल में प्रवेश करने से रोक दिया गया है, और पुलिस व एसएसबी ने संयुक्त रूप से फ्लैग मार्च निकाला.

    उत्तर प्रदेश में सीमा सील: आवागमन पर पूरी तरह रोक

    उत्तर प्रदेश के सोनौली, ठूठीबारी, बढ़नी, खुनुआ और ककरहवा जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को अभूतपूर्व स्तर पर कड़ा कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 घंटे सतर्कता के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत अतिरिक्त पुलिस और पीएसी बलों की तैनाती की गई है. नेपाल सीमा पर पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह बंद है, और स्थानीय लोगों को भी कड़ी जांच के बाद ही आने-जाने की अनुमति दी जा रही है. बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती जैसे जिलों में ड्रोन निगरानी और संयुक्त गश्त तेज कर दी गई है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके.

    पश्चिम बंगाल में पानीटंकी पर नजर

    पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में पानीटंकी सीमा पर नेपाल के कांकरभीट्टा और भद्रपुर में प्रदर्शनकारियों ने दर्जनभर सरकारी कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया. इस हिंसा के जवाब में एसएसबी की 41वीं वाहिनी और सिलीगुड़ी फ्रंटियर को हाई अलर्ट पर रखा गया है. दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश ने बताया कि नेपाल पुलिस के साथ लगातार समन्वय बनाए रखा जा रहा है. सीमा पर नाका चेकिंग और डॉग स्क्वायड की तैनाती के साथ आवागमन लगभग ठप है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि सामाजिक मीडिया प्रतिबंध ने सीमा पार रिश्तेदारों से संपर्क को मुश्किल बना दिया है, जिससे 'रोटी-बेटी' के रिश्ते प्रभावित हुए हैं.

    उत्तराखंड में काली नदी पर गश्त: संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता

    उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में नेपाल से सटी सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और पुलिस ने संयुक्त गश्त तेज कर दी है. पुलिस अधीक्षक रेखा यादव के निर्देश पर सीओ गोविंद बल्ल्भ जोशी और केएस रावत के नेतृत्व में काली नदी के किनारे और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई है. स्थानीय लोगों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तत्काल सूचना देने की अपील की गई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सीमा सुरक्षा को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें सुरक्षा बलों को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया.

    हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम

    नेपाल में हिंसा के बीच कई भारतीय नागरिक, खासकर तीर्थयात्री और व्यापारी, फंस गए हैं. उनकी सहायता के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ में 24x7 विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया है. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि तीन हेल्पलाइन नंबर - 0522-2390257, 0522-2724010, 9454401674 - और एक व्हाट्सएप नंबर 9454401674 जारी किए गए हैं. ये नंबर चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगे, ताकि फंसे हुए भारतीय तुरंत मदद मांग सकें. आंध्र प्रदेश सरकार ने भी दिल्ली में आपातकालीन सेल शुरू की है, जिसके नोडल अधिकारी सुरेश ( 91 9818395787) को नियुक्त किया गया है. भारतीय दूतावास काठमांडू में फंसे 30 तेलुगु नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है.

    व्यापार और पर्यटन पर असर

    नेपाल में हिंसा और कर्फ्यू के कारण भारत-नेपाल सीमा पर व्यापार और पर्यटन पूरी तरह प्रभावित हो गया है. बिहार के रक्सौल से नेपाल के बीरगंज को जोड़ने वाला मैत्री पुल सुनसान है, और पानीटंकी में ट्रक फंसे हुए हैं. इंडिगो, एयर इंडिया और नेपाल एयरलाइंस ने काठमांडू के लिए उड़ानें रद्द कर दी हैं, जिससे पर्यटकों को भारी परेशानी हो रही है. गुजरात के भावनगर से 40 से अधिक तीर्थयात्री नेपाल में फंस गए हैं, जिनकी मदद के लिए स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को सूचित किया है. यह संकट सीमा पार के सामाजिक-आर्थिक रिश्तों पर भी भारी पड़ रहा है.

    नेपाल में संकट की जड़

    नेपाल में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स, पर प्रतिबंध लगाने से हुई. यह प्रतिबंध 28 अगस्त को पंजीकरण की समय सीमा समाप्त होने के बाद लागू किया गया था. प्रदर्शनकारी, खासकर 'जेन-जेड' युवा, भ्रष्टाचार के खिलाफ और सामाजिक मीडिया की बहाली के लिए सड़कों पर उतरे. सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में संसद भवन में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने पानी की बौछार, आंसू गैस और गोलीबारी का सहारा लिया. 22 लोगों की मौत और 200 से अधिक घायल होने की खबर है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी संसद भंग करने की मांग पर अड़े हैं.

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