अमेरिकी टैरिफ से निपटने के लिए भारत ने बनाया मेगा प्लान, ट्रंप को कील की तरह चुभेगा! शुरू होगा खास मिशन

    India Vs America: वैश्विक व्यापार पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों और अमेरिका की टैरिफ नीति में आ रहे बदलावों के बीच भारत सरकार ने निर्यातकों के हितों की सुरक्षा के लिए एक ठोस रणनीति तैयार की है.

    India made a mega plan to deal with Trump US tariffs Preparations
    Image Source: ANI/ File

    India Vs America: वैश्विक व्यापार पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों और अमेरिका की टैरिफ नीति में आ रहे बदलावों के बीच भारत सरकार ने निर्यातकों के हितों की सुरक्षा के लिए एक ठोस रणनीति तैयार की है.  अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 25% टैरिफ और संभावित वृद्धि की चेतावनी के बाद, भारत ने एक दीर्घकालिक "एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन" लाने का फैसला किया है. 

    यह मिशन न सिर्फ भारतीय निर्यातकों को मौजूदा आर्थिक दबावों से राहत देगा, बल्कि भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में एक मज़बूत स्तंभ के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम होगा.  वाणिज्य मंत्रालय, MSME मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के सहयोग से तैयार की जा रही यह योजना सितंबर से लागू की जाएगी. 

    टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण

    ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने अमेरिका और अन्य वैश्विक बाज़ारों में लगने वाले टैरिफ से निपटने के लिए लगभग 20,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ एक बहुआयामी रणनीति बनाई है.  इस योजना का उद्देश्य निर्यातकों को वित्तीय सहायता, बाज़ार विस्तार और ब्रांड प्रमोशन में सहायता देना है. 

    योजना के प्रमुख आयाम:

    सस्ता और सुलभ ऋण: निर्यातकों को बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें. 

    गैर-टैरिफ बाधाओं से निपटना: अमेरिकी बाज़ार सहित अन्य देशों में जो नॉन-टैरिफ बैरियर्स (जैसे क्वालिटी चेक्स, लेबलिंग नॉर्म्स आदि) हैं, उनके समाधान के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे. 

    ब्रांड इंडिया को वैश्विक मंच पर लाना: योजना के तहत भारत की पहचान एक मज़बूत निर्यातक राष्ट्र के रूप में बनाना है.  जापान, कोरिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों की तर्ज पर “ब्रांड इंडिया” को ग्लोबल मार्केट में प्रमोट किया जाएगा. 

    ई-कॉमर्स हब और जिला स्तरीय निर्यात केंद्र: देशभर के ज़िलों को छोटे निर्यात केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे निर्यात को जमीनी स्तर पर बढ़ावा मिलेगा.  इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ साझेदारी के ज़रिए ऑनलाइन निर्यात को भी बल मिलेगा. 

    आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का संतुलन

    डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत की रूस से तेल खरीद पर जताई गई नाराज़गी और उसके चलते टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी के बाद भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह व्यापारिक दबावों के आगे झुकेगा नहीं.  बल्कि वह दीर्घकालिक और रणनीतिक योजनाओं से अपने निर्यातकों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा. सरकार का उद्देश्य केवल तत्काल प्रतिक्रिया देना नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों में भारतीय निर्यात को मजबूती देना है ताकि विश्व व्यापार में देश की भूमिका और भी मज़बूत हो.

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