Who Is Anshul Kamboj: कभी हरियाणा के एक छोटे से गांव में मिट्टी पर गेंदबाजी के सपने देखने वाला एक लड़का, आज भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा है. नाम है अंशुल कंबोज. इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में चोटिल खिलाड़ियों के चलते जब टीम इंडिया को एक नए तेज गेंदबाज की ज़रूरत पड़ी, तो चयनकर्ताओं की नजर करनाल के इस युवा खिलाड़ी पर पड़ी. और क्यों न पड़ती? उनके आंकड़े, जज़्बा और मेहनत ने उन्हें इस लायक बना दिया है.
क्यों चुने गए अंशुल कंबोज?
टीम इंडिया के दो मुख्य तेज गेंदबाज, आकाशदीप और अर्शदीप सिंह, दोनों फिलहाल चोट से जूझ रहे हैं. ऐसे में 23 जुलाई से शुरू होने जा रहे मैनचेस्टर टेस्ट के लिए एक भरोसेमंद गेंदबाज की जरूरत थी. अंशुल ने घरेलू क्रिकेट में जो प्रदर्शन किया है, वह उन्हें खुद-ब-खुद इस स्तर तक ले आया.
गांव से इंटरनेशनल स्क्वॉड तक
हरियाणा के करनाल जिले के फाजिलपुर गांव में जन्मे अंशुल कंबोज की शुरुआत एक आम किसान परिवार से हुई. पिता उधम सिंह एक किसान हैं, लेकिन बेटे के क्रिकेट के जुनून को उन्होंने बचपन से ही पहचाना. महज 6 साल की उम्र में अंशुल की क्रिकेट ट्रेनिंग शुरू हो गई थी. परिवार ने उन्हें ओपीएस विद्यामंदिर में इसलिए दाखिल कराया, ताकि पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट में भी उनका सफर रुक न जाए.
आँकड़े जो चुप नहीं रहते
आईपीएल में भी कंबोज का कमाल
अब बारी है इंटरनेशनल टेस्ट की
मैनचेस्टर टेस्ट में भले ही अंशुल प्लेइंग-11 में सीधे उतरें या न उतरें, लेकिन भारतीय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनना किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए सपना होता है. अंशुल ने यह सपना मेहनत से पाया है, कोई शॉर्टकट नहीं.
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