IND vs ENG 5th Test: चार मुकाबलों की टक्कर, एक से बढ़कर एक मोड़ और अंत में अब निर्णायक घड़ी, भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है. इंग्लैंड 2-1 से आगे है, लेकिन भारत के पास ओवल के मैदान पर इतिहास को चुनौती देने का सुनहरा अवसर है.
लंदन के प्रतिष्ठित केनिंग्टन ओवल में खेला जाने वाला अंतिम टेस्ट सिर्फ एक मैच नहीं होगा, यह मुकाबला भारतीय क्रिकेट के जज़्बे, धैर्य और बदलाव की कहानी लिखने का मौका है. यह वही मैदान है जहां रिकॉर्ड भारत के खिलाफ खड़ा है, लेकिन इरादे इस बार कुछ और बयां कर रहे हैं.
आंकड़ों में उलझा इतिहास
टीम इंडिया ने ओवल में अब तक 15 टेस्ट मुकाबले खेले हैं, लेकिन सिर्फ दो में ही जीत दर्ज कर पाई है. छह बार शिकस्त और सात बार ड्रॉ यानि यह मैदान हमेशा एक परीक्षा की तरह रहा है. लेकिन इसी ओवल पर 2021 की 157 रन की शानदार जीत भारत की हौसला अफज़ाई भी है.
वाडेकर की टीम ने रचा था इतिहास
इस मैदान पर भारत की पहली जीत 1971 में अजित वाडेकर की कप्तानी में आई थी, जब टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 4 विकेट से हराकर विदेशी ज़मीन पर अपनी सबसे ऐतिहासिक टेस्ट जीत दर्ज की थी. यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी.
2011 से शुरू हुआ हार का दौर
2011, 2014 और 2018, तीन लगातार हारों ने ओवल में भारत की उम्मीदों को चोट पहुंचाई, लेकिन 2021 में विराट कोहली की कप्तानी में मिली जीत ने साबित कर दिया कि अब भारत सिर्फ खेल नहीं रहा, लड़ रहा है.
WTC Final की कसक और redemption की उम्मीद
हाल ही में WTC फाइनल 2023 भी इसी मैदान पर खेला गया था, जहां भारत को ऑस्ट्रेलिया से 209 रन से हार का सामना करना पड़ा. उस हार की कसक अब इस आखिरी टेस्ट में जीत की भूख बनकर सामने है.
क्या बदलेगा भारत ओवल का इतिहास?
अब जब दोनों टीमें लंदन के मैदान में उतरेंगी, इंग्लैंड आत्मविश्वास और घरेलू समर्थन के साथ उतरेगा, तो भारत अपनी ऐतिहासिक कमजोरी को ताकत में बदलने की जिद के साथ मैदान में होगा. यह सिर्फ टेस्ट नहीं, सम्मान की लड़ाई होगी.
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