वॉशिंगटन: अमेरिका दुनिया को अक्सर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाता है, लेकिन खुद उसके देश में प्रेस की आज़ादी किस हाल में है, इसका ताजा उदाहरण लॉस एंजिल्स की सड़कों पर दिखा. प्रदर्शन कवर कर रहीं ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की अमेरिकी संवाददाता लॉरेन टोमासी को पुलिस ने खुलेआम, कैमरे के सामने गोली मार दी. हालांकि यह रबर बुलेट थी, लेकिन घटना ने अमेरिकी पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
प्रदर्शन में मची अफरा-तफरी
लॉस एंजिल्स में जारी उग्र प्रदर्शनों के बीच लॉरेन टोमासी और उनके कैमरामैन मौके पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. तभी पुलिस ने अचानक रबर बुलेट चलानी शुरू कर दी. वायरल हो रहे फुटेज में साफ दिखता है कि पुलिस अधिकारी ने सीधे लॉरेन की दिशा में बंदूक तानी और फायर कर दिया. गोली उनके पैर में जा लगी. लॉरेन दर्द में चीख उठीं और अपना पैर पकड़ लिया. पास में मौजूद एक प्रदर्शनकारी तुरंत चिल्लाया – “तुमने रिपोर्टर को गोली मार दी!”
Australian journalist shot by U.S. police—caught on live camera. Yet, the West DS funded propaganda dares to lecture India on press freedom, citing biased, Western-funded “indexes.” pic.twitter.com/aMX0802E4w
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) June 9, 2025
पत्रकार का हौसला बरकरार
रबर बुलेट लगने के बावजूद लॉरेन टोमासी ने खुद को संभाला और कहा, "मैं ठीक हूं." इसके बाद वो और उनका कैमरामैन सुरक्षित जगह की ओर बढ़ गए. नाइन न्यूज ने बाद में पुष्टि की कि लॉरेन को हल्की चोट आई है और उन्होंने तुरंत रिपोर्टिंग फिर से शुरू कर दी. लॉरेन ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी अपडेट दिया और लिखा- "यहां हालात बहुत तनावपूर्ण हैं, पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रही है."
कौन हैं लॉरेन टोमासी?
लॉरेन टोमासी एक अनुभवी ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार हैं जो फिलहाल नाइन न्यूज के लिए अमेरिका से रिपोर्टिंग कर रही हैं. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स से पत्रकारिता की पढ़ाई की है और करियर की शुरुआत स्नो रिपोर्टर के रूप में की थी. लॉरेन ने सिडनी में नाइन न्यूज के न्यूज़रूम में भी लंबा वक्त बिताया है.
वह अमेरिका में कई बड़ी स्टोरी कवर कर चुकी हैं जिनमें डोनाल्ड ट्रंप के कोर्ट केस, हॉलीवुड के प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स- ऑस्कर, ग्रैमी, और गोल्डन ग्लोब्स भी शामिल हैं. लॉरेन लाइव रिपोर्टिंग और सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय के लिए जानी जाती हैं.
अमेरिका में प्रेस की सुरक्षा पर सवाल
यह कोई पहली घटना नहीं है जब अमेरिकी पुलिस पर पत्रकारों के साथ आक्रामक रवैया अपनाने के आरोप लगे हों. इससे पहले भी फॉक्स न्यूज की टीम को इसी तरह के प्रदर्शन से बाहर निकाला गया था. अमेरिका में अक्सर सरकार और पुलिस दूसरे देशों को लोकतंत्र और प्रेस की आज़ादी का हवाला देते हैं, लेकिन जब खुद के देश में सड़कों पर पत्रकार असुरक्षित हों, तो ऐसे ‘ज्ञान’ की सच्चाई पर सवाल उठना लाज़मी है.
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