शो अब खत्म हुआ... इजराइली सेना ने ग्रेटा थनबर्ग को हिरासत में लिया, गाजा जा रहा था जहाज, देखें वीडियो

    मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग इस बार जलवायु परिवर्तन की वजह से नहीं, बल्कि गाजा के मानवीय संकट को लेकर सुर्खियों में हैं.

    Greta Thunberg arrested by Israeli army watch video
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    तेल अवीव: मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग इस बार जलवायु परिवर्तन की वजह से नहीं, बल्कि गाजा के मानवीय संकट को लेकर सुर्खियों में हैं. सोमवार सुबह इजरायली नौसेना ने उस जहाज को कब्जे में ले लिया, जिस पर ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथ 11 और कार्यकर्ता सवार थे.

    यह जहाज गाजा के भूख से जूझ रहे लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहा था. लेकिन इजरायल के पांच स्पीड बोट्स ने इसे घेरकर रास्ते में ही रोक लिया और सैनिकों ने जहाज पर चढ़कर इसे अपने नियंत्रण में ले लिया.

    कहां ले जाया गया जहाज?

    ‘मैडलीन’ नाम के इस जहाज को गाजा ले जाने की जगह इजरायल के अशदोद पोर्ट लाया गया. इजरायली सेना ने पुष्टि की कि जहाज के सभी 12 लोग फिलहाल हिरासत में हैं और सुरक्षित हैं.

    ग्रेटा को सच्चाई दिखानी होगी- इजरायल

    इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने आदेश दिया है कि ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथियों को हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले का 43 मिनट का वीडियो दिखाया जाएगा.

    सरकार का कहना है कि जो लोग गाजा के लिए हमदर्दी दिखा रहे हैं, उन्हें यह भी देखना चाहिए कि हमास ने कैसे इजरायली नागरिकों, महिलाओं और बच्चों की बेरहमी से हत्या की थी.

    इस वीडियो में आतंकियों के बॉडी कैमरा से लिए गए असली फुटेज हैं, जिसे बिना किसी सेंसरिंग के दिखाया जाएगा.

    विदेश मंत्रालय का तंज- शो खत्म हो चुका है

    इजरायल के विदेश मंत्रालय ने भी सोशल मीडिया पर तंज कसा. एक पोस्ट में लिखा गया – ‘सेल्फी यॉट’ के सभी यात्री सुरक्षित हैं, उन्हें सैंडविच और पानी भी दिया गया है. शो अब खत्म हो चुका है.’

    मंत्रालय ने आगे कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को जल्द ही उनके-अपने देश वापस भेज दिया जाएगा.

    तुर्किये, ईरान और स्पेन ने किया विरोध

    • इस पूरे मामले में इजरायल को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
    • तुर्किये ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया.
    • ईरान ने इसे 'समुद्री डकैती' करार दिया.
    • स्पेन ने भी नाराजगी जताई और इजरायली राजनयिक को तलब कर लिया क्योंकि जहाज पर उनका नागरिक भी मौजूद था.

    क्या था मैडलीन मिशन?

    • ग्रेटा थनबर्ग का यह सफर ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन (FFC)’ के तहत हो रहा था.
    • इस संगठन का मकसद गाजा के लोगों को राहत पहुंचाना और इजरायल की लंबे समय से चली आ रही नाकेबंदी का शांतिपूर्ण विरोध करना है.

    ग्रेटा और उनके साथी दावा करते हैं कि उनका मिशन पूरी तरह अहिंसक और मानवीय है. लेकिन इजरायल को डर है कि अगर इस तरह के जहाजों को रास्ता दिया गया तो यह उसकी समुद्री नाकेबंदी को कमजोर कर देगा.

    क्यों रोक दिया गया जहाज?

    • शुरुआत में इजरायल जहाज की एंट्री पर विचार कर रहा था, लेकिन बाद में उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए जहाज को रोकने का फैसला किया.
    • इजरायल की दलील है कि अगर एक बार ऐसे मिशन को मंजूरी मिल गई, तो आगे चलकर ऐसे प्रयास बढ़ते रहेंगे, जिससे सुरक्षा जोखिम और अंतरराष्ट्रीय दबाव दोनों बढ़ जाएंगे.

    इजरायल पहले भी ऐसे कई मिशन रोक चुका है. 2010 में 'फ्रीडम फ्लोटिला' के साथ ऐसा ही हुआ था, जिसमें 10 लोगों की जान चली गई थी और इजरायल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी.

    गाजा: मानवीय त्रासदी की जद में

    • गाजा इस समय इतिहास के सबसे गंभीर मानवीय संकट से गुजर रहा है.
    • अक्टूबर 2023 से अब तक 54,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है.
    • 20 लाख से ज्यादा लोग भुखमरी की कगार पर हैं.
    • दवाइयां, पीने का पानी और खाने की चीजें लगभग खत्म हो चुकी हैं.

    इजरायल ने मार्च 2025 से गाजा में राहत सामग्री की एंट्री लगभग बंद कर रखी है. यही वजह है कि 'मैडलीन' जैसी राहत मिशन की कोशिशें लगातार हो रही हैं.

    ग्रेटा थनबर्ग: जलवायु से गाजा तक

    • ग्रेटा थनबर्ग को दुनिया ने पहली बार 2018 में जाना, जब वे स्वीडन में संसद के बाहर अकेली ‘Fridays For Future’ के पोस्टर के साथ बैठीं.
    • उनका ‘How Dare You’ भाषण आज भी दुनिया भर में गूंजता है, जिसमें उन्होंने बड़े नेताओं को फटकार लगाई थी कि उन्होंने बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है.

    ग्रेटा हमेशा से अपने शांतिपूर्ण लेकिन मजबूत रुख के लिए जानी जाती हैं. अब उन्होंने गाजा संकट पर भी खुलकर स्टैंड लिया है.

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