'फील्ड मार्शल क्यों किंग बन जाते', मुनीर के 'मुरीद' पर इमरान खान का तंज

    Imran Khan Slams Asim Munir: लाहौर की जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 22 मई को सोशल मीडिया पर एक धारदार संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने देश की सत्ताधारी संरचना और सेना की भूमिका पर तीखे सवाल उठाए.

    Imran Khan Slams on asim munir became field marshal
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    Imran Khan Slams Asim Munir: लाहौर की जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 22 मई को सोशल मीडिया पर एक धारदार संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने देश की सत्ताधारी संरचना और सेना की भूमिका पर तीखे सवाल उठाए. खान ने आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को “फील्ड मार्शल” की उपाधि दिए जाने को जंगल में एकाधिकार साबित करने का प्रयास करार देते हुए कहा, “जब जंगल का नियम चले, तो असली शासक राजा होना चाहिए, फील्ड मार्शल नहीं.”

    फील्ड मार्शल विवाद की पेचिदगियां

    इमरान के मुताबिक, 7-10 मई की कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना- वायुसेना ने पाकिस्तान को कड़ा झटका दिया था. इसके बावजूद पीटीआई सरकार और मिलिट्री ने ‘विजय’ का ढिंढोरा पीटा और जनरल मुनीर को सर्वोच्च सैन्य रैंक से भी ऊपर उठा दिया. खान ने इसे तानाशाही की थॉयरी बताते हुए कहा कि यह भारत के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ जश्न है.

    बेबुनियाद ‘डील’ अफवाहों का खंडन

    अपने और सेना के बीच किसी समझौते की खबरों पर इमरान ने खलिलहर करते हुए स्पष्ट किया कि न तो कोई डील हुई, न ही कोई बातचीत में हैं. उन्होंने सेनाध्यक्ष से आमने-सामने बात करने की चुनौती दी और बढ़ते आतंरिक- बाह्य खतरों के बीच राष्ट्रीय एकता की वकालत की.

    राजनीतिक दोहरापन और अन्याय

    शहबाज शरीफ सरकार पर कसा प्रहार करते हुए खान ने कहा कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बावजूद सत्ता हासिल करने वाले नेताओं को कोई छूने वाला नहीं. उन्होंने उदाहरण दिया कि जरदारी परिवार के खिलाफ नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) में केस लंबित है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

    जेल की मार और मौलिक अधिकारों का हनन

    इमरान ने अपनी जेल जीवन की कड़वी सच्चाई बताई—बच्‍चों से मिलने की मनाही, किताबों की जब्ती और चिकित्सकीय सुविधाओं से वंचित रखना. कोर्ट में पेशी भी एक कर्नल के इशारे पर बताई, जो उनके अनुसार “सीमा पार तानाशाही” का प्रमाण है.


    ड्रोन हमलों और KPK में विरोध की पुकार


    प्रधानमंत्री रह चुके खान ने खैबर पख्तूनख्वा में फिर से शुरू हुए ड्रोन हमलों की निंदा करते हुए स्थानीय सरकार से फेडरल प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने को कहा. उनका कथन था कि ड्रोन हमले आतंकवाद मिटाकर और भड़काते हैं, इसलिए पुरानी गलतियों को दोहराना ठीक नहीं. इमरान खान का यह नया बयान पाकिस्तान में सियासी हलचल और सेना-नीति संबंधी विवादों को और तेज़ कर जाएगा. अब देखना है कि इन प्रहारों के बाद देश का राजनीतिक तापमान कितना चढ़ता है.

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