पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सदस्यों से यह कहा कि यदि जेल में उनके साथ कुछ भी अनहोनी होती है, तो उसके जिम्मेदार पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर होंगे. इमरान खान, जो अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं, ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से यह गंभीर आरोप लगाए और अपने जीवन को खतरे में बताया.
इमरान खान ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘जेल में हाल के दिनों में मुझसे अत्यधिक कठोर व्यवहार किया जा रहा है. यही रवैया मेरी पत्नी बुशरा बीबी के साथ भी अपनाया जा रहा है. यहां तक कि उनके कमरे का टीवी भी बंद कर दिया गया है.’’ खान ने आरोप लगाया कि उनके और उनकी पत्नी के सभी बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, चाहे वे मानवीय हों या कानूनी. उनका कहना था कि यह सब पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के आदेश पर हो रहा है.
आत्मसमर्पण की बजाय विरोध का ऐलान
खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘‘मैं अपनी पार्टी से यह निर्देश देता हूं कि यदि जेल में मेरे साथ कुछ भी होता है, तो जनरल असीम मुनीर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाए.’’ उन्होंने कहा कि वह पूरी जिंदगी जेल में बिताने के लिए तैयार हैं, लेकिन अत्याचार और दमन के सामने झुकने का सवाल नहीं उठता. इमरान खान ने देशवासियों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि अब बातचीत का समय खत्म हो चुका है, और अब देशव्यापी विरोध का समय है.
कड़ी आलोचना
इमरान खान ने अपनी पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि जेल में उन्हें उन हत्यारों और आतंकवादियों से भी खराब स्थिति में रखा जा रहा है, जिन्हें दोषी ठहराया गया है. उन्होंने एक सैन्य कर्मी का उदाहरण देते हुए कहा कि उसे ‘‘वीआईपी सुविधा’’ दी जा रही है, जबकि वह खुद दुर्व्यवहार का शिकार हो रहे हैं. इसके अलावा, खान ने पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र के मुख्यमंत्री मरियम नवाज और गृह मंत्री मोहसिन नकवी की भी आलोचना की, जिनके बारे में उनका कहना था कि दोनों पिछले दो वर्षों से पंजाब में फासीवादी माहौल बना रहे हैं और लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं.
पार्टी का संदेश और भविष्य की रणनीति
खान की बहन अलीमा खान ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि इमरान खान ने पार्टी के सदस्यों को यह संदेश भेजा है कि अगर जेल में उनके साथ कुछ होता है, तो उसकी जिम्मेदारी जनरल असीम मुनीर पर होगी. साथ ही, PTI पार्टी ने अपने समर्थकों से यह कहा है कि 5 अगस्त से देशभर में एक बड़े अभियान की शुरुआत की जाएगी, जिसका उद्देश्य इमरान खान की रिहाई के लिए दबाव बनाना है.
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