कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव का माहौल खड़ा कर दिया है. इस निर्मम हमले में निर्दोष लोगों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए साफ चेतावनी दी है कि आतंकियों और उनके सरगनाओं को ऐसा जवाब मिलेगा जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी. प्रधानमंत्री के इस तीखे संदेश के बाद से पाकिस्तान सरकार और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की चिंता और बढ़ गई है. उन्हें अंदेशा है कि भारत की ओर से किसी भी समय सैन्य कार्रवाई हो सकती है.
पाकिस्तानी सरकार की बैठक का PTI ने किया बहिष्कार
भारत के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनज़र पाकिस्तान की सरकार ने एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें तमाम राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को भी इस मीटिंग का हिस्सा बनने के लिए बुलाया गया था, लेकिन इमरान खान की पार्टी ने इस आमंत्रण को ठुकरा दिया. PTI का कहना है कि यह बैठक केवल दिखावे के लिए है और इससे कोई ठोस राष्ट्रीय सहमति बनने की उम्मीद नहीं दिखती. साथ ही, पार्टी ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि इमरान खान जैसे प्रमुख नेता को इसमें शामिल करने का कोई प्रयास नहीं किया गया.
जेल से इमरान खान का बयान: आतंकवाद की आलोचना, एकता पर ज़ोर
हालांकि, PTI की ओर से इमरान खान ने जेल से एक संदेश जारी कर आतंकवादी हमले की स्पष्ट निंदा की है. उन्होंने देशवासियों से एकजुट रहने और आतंरिक स्थिरता बनाए रखने की अपील की है. इमरान खान का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर सभी दलों को एकमत होकर खड़ा होना चाहिए, लेकिन सरकार केवल राजनीतिक फायदे के लिए बैठक बुला रही है.
भारत में बैन हुए कई पाकिस्तानी नेताओं के सोशल अकाउंट्स
इस बीच भारत सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, PPP प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी, और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ समेत कई नेताओं के X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट भारत में बैन कर दिए गए हैं. इन नेताओं पर भारत विरोधी टिप्पणियों और भड़काऊ बयानों का आरोप है.
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