इस्लामाबाद – पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी के एक बयान ने पाकिस्तान की राजनीतिक और कूटनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. भारत के साथ रिश्तों को बेहतर करने के मकसद से आतंकियों के प्रत्यर्पण पर विचार करने की उनकी बात पर, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और बिलावल को 'अपरिपक्व राजनीतिक बच्चा' कह डाला है.
क्या कहा था बिलावल भुट्टो ने?
अल जज़ीरा को दिए गए एक साक्षात्कार में बिलावल भुट्टो ने संकेत दिया कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार की दिशा में "विश्वास बहाली" के तहत पाकिस्तान, कुछ आतंकियों के प्रत्यर्पण पर विचार कर सकता है. यह बात उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही. बिलावल ने कहा, "आतंकवाद, भारत के साथ व्यापक वार्ता का एक अहम मुद्दा है. मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान किसी सकारात्मक पहल का विरोध करेगा."
पीटीआई ने जताई नाराज़गी
बिलावल के इस बयान को लेकर पीटीआई प्रवक्ता शेख वकास अकरम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ है. उनके अनुसार, "बिलावल अभी राजनीति में बच्चे हैं. वे या तो जमीनी सच्चाई नहीं जानते या फिर भारत को खुश करने में लगे हैं." पीटीआई ने आरोप लगाया कि इस बयान से अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंच सकता है और यह रुख पाकिस्तान के आधिकारिक नीति से मेल नहीं खाता.
आतंकियों के करीबी भी हुए हमलावर
इस विवाद में अब हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद भी कूद पड़े हैं. उन्होंने बिलावल के बयान को सीधे तौर पर पाकिस्तान की नीति और हितों के खिलाफ बताया. तल्हा ने कहा, "पाकिस्तानी नागरिकों के प्रत्यर्पण की बात करना न केवल गलत है, बल्कि राष्ट्रीय हितों के भी विपरीत है." साथ ही उन्होंने अपने पिता का बचाव करते हुए दावा किया कि "हाफिज सईद की कोई भी गतिविधि पाकिस्तान के खिलाफ नहीं रही है."
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