Apache attack helicopters: भारतीय सेना को आखिरकार अमेरिका से तीन अत्याधुनिक AH-64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर मिल गए हैं. मंगलवार सुबह ये हेलीकॉप्टर एंटोनोव AN-124 मालवाहक विमान से हिंडन एयरबेस पहुंचे. खास बात यह है कि इन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 15 महीने की देरी से हुई है. वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान ने भी चीन से मिले Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टरों को अपनी सेना में तैनात कर दिया है. ऐसे में विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच फिर से कोई सैन्य तनाव होता है, तो ये दोनों अटैक हेलीकॉप्टर आमने-सामने दिख सकते हैं.
अमेरिकी मूल के AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर को दुनिया में सबसे आधुनिक और खतरनाक अटैक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है. भारत ने इन्हें राजस्थान के जोधपुर स्थित एयरबेस पर तैनात करने की योजना बनाई है, ताकि पाकिस्तान सीमा पर निगरानी और आक्रामक क्षमताओं को मजबूती दी जा सके.
अपाचे की खासियतें:
पाकिस्तान ने अपने पुराने कोबरा AH-1 हेलीकॉप्टरों की जगह अब चीन निर्मित Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टर को अनौपचारिक रूप से सेना में तैनात कर दिया है. यह हेलीकॉप्टर तकनीकी रूप से उन्नत है और इसे खासतौर पर भारत के टैंकों और एयर डिफेंस सिस्टम को जवाब देने के लिए तैयार किया गया है.
Z-10ME की प्रमुख खूबियां:
ट्रिगर पॉइंट: सिर्फ हथियार नहीं, रणनीति भी बदली
विश्लेषकों का मानना है कि जहां भारत ने अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदकर दक्षिण एशिया में अपनी आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाया है, वहीं पाकिस्तान चीन के साथ सैन्य साझेदारी को और गहरा कर रहा है. चीन के Z-10ME हेलीकॉप्टर को रूस के Mi-28 और अमेरिका के अपाचे के मुकाबले खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.
दोनों देशों ने ऐसे हेलीकॉप्टर ऐसे समय पर खरीदे हैं जब कई विकसित देश इन मॉडलों से दूरी बना रहे हैं. ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है, क्या भारत और पाकिस्तान में भविष्य की लड़ाई अब टैंक के बजाय टेक्नोलॉजी और हवाई हमलों के जरिए लड़ी जाएगी?
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