TU95 VS B2: कीव पर हुए ताजा हमले के बाद दुनिया की निगाहें रूस और अमेरिका के बमवर्षकों की ताकत पर टिक गई हैं. रूस ने शनिवार और रविवार की दरमियानी रात यूक्रेन पर बीते तीन सालों का सबसे बड़ा हवाई हमला बोला, जिसमें 537 एयर स्ट्राइक, 477 ड्रोन और डिकॉय और 60 मिसाइलें शामिल थीं. इन हमलों में रूस ने Tu-95 बॉम्बर का इस्तेमाल किया. वहीं कुछ दिन पहले अमेरिका ने ईरान के खिलाफ B-2 स्पिरिट बॉम्बर से हमला कर अपनी तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई थी. ऐसे में सवाल उठता है, क्या रूस का TU-95, अमेरिका के B-2 बॉम्बर की बराबरी कर सकता है? आइए दोनों की तुलना करते हैं.
Tu-95 'Bear': रूस का पुराने दौर का ताकतवर बॉम्बर
परिचय: Tu-95 को नाटो 'Bear' कहता है. यह 1950 के दशक का एक टर्बोप्रॉप इंजन वाला रणनीतिक बमवर्षक है. इंजन: इसमें चार कुज़्नेत्सोव NK-12 टर्बोप्रॉप इंजन हैं, जो इसे दुनिया का सबसे तेज़ टर्बोप्रॉप विमान बनाते हैं. गति: अधिकतम 925 किमी/घंटा रेंज: 15,000 किमी (एक बार उड़ान में)
प्रमुख उपयोग: लंबी दूरी से क्रूज मिसाइल हमले. कीमत: लगभग $50 से $173 मिलियन
फायदे: लंबी रेंज, किफायती रखरखाव, मिसाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म के रूप में कुशल
कमजोरियां: स्टील्थ क्षमता नहीं, रडार पर आसानी से दिख जाता है, अत्यधिक शोर करता है, छिपकर वार करना मुश्किल, आधुनिक वायु रक्षा के सामने सीमित उपयोग, यूक्रेनी ड्रोन हमलों से सुरक्षा पर सवाल
B-2 Spirit: अमेरिका का ‘अदृश्य’ घातक हथियार
परिचय: अमेरिका का स्टील्थ स्ट्रैटेजिक बॉम्बर, जो रडार पर अदृश्य होने के लिए डिज़ाइन किया गया है. डिज़ाइन: फ्लाइंग विंग, विशेष रडार-शोषक कोटिंग
गति: लगभग 1,010 किमी/घंटा. रेंज: 11,000 किमी (हवाई रिफ्यूलिंग से अनंत विस्तार संभव). पेलोड: 14,000 किग्रा तक बम, जिसमें GBU-57 बंकर-बस्टर भी शामिल. कीमत: लगभग $2 बिलियन प्रति यूनिट. प्रमुख उपयोग: गुप्त मिशन, गहरे लक्ष्य पर हमला, रडार से बचते हुए ऑपरेशन. कमजोरियां: अत्यधिक महंगा, रखरखाव बहुत जटिल, सीमित संख्या में उपलब्ध, अत्यधिक गहराई वाले टार्गेट्स को भी पूरी तरह नष्ट करना चुनौती
Tu-95 बनाम B-2: सीधी तुलना
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