फाइटर प्लेन ध्वस्त, रेडार फेल, एयरबेस तबाह... कैसे 8 घंटे में घुटनों पर आया पाकिस्तान? CDS ने बताया

    भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद जो सैन्य प्रतिकार किया, उसने न केवल पाकिस्तान को चौंकाया, बल्कि क्षेत्रीय संतुलन और सीमा पार आतंकवाद की पुरानी परिपाटी को भी झकझोर कर रख दिया.

    How Pakistan was destroyed in 8 hours
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    नई दिल्ली: जब एक राष्ट्र की असहाय नागरिकों पर हमला किया जाए, तो जवाब सिर्फ नैतिक नहीं बल्कि रणनीतिक भी होता है. भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद जो सैन्य प्रतिकार किया, उसने न केवल पाकिस्तान को चौंकाया, बल्कि क्षेत्रीय संतुलन और सीमा पार आतंकवाद की पुरानी परिपाटी को भी झकझोर कर रख दिया.

    भारत के सशस्त्र बलों द्वारा संचालित "ऑपरेशन सिंदूर" एक ऐसा अभियान बन गया, जिसने सिर्फ सैन्य ताकत नहीं, बल्कि रणनीतिक धैर्य, तकनीकी श्रेष्ठता और लक्ष्य की स्पष्टता का परिचय दिया.

    पाकिस्तान की रणनीति 8 घंटे में ध्वस्त- सीडीएस

    भारत के प्रमुख रक्षा अधिकारी सीडीएस जनरल अनिल चौहान के अनुसार, पाकिस्तान ने इस हमले का जवाब देने के लिए 48 घंटे का एक ऑपरेशन प्लान तैयार किया था. लेकिन भारत की त्वरित, सुनियोजित और अत्यंत सटीक स्ट्राइक के कारण पाकिस्तान की यह योजना सिर्फ 8 घंटे में ही ढह गई.

    इस कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने बैकचैनल के माध्यम से वार्ता की इच्छा भी जताई, यह इस बात का संकेत था कि भारत की जवाबी रणनीति ने उन्हें पूर्णतः रणनीतिक दबाव में ला दिया था.

    भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक में इन्फ्रास्ट्रक्चर को क्षति

    भारत की इस स्ट्राइक में पाकिस्तान की वायुसेना को भारी नुकसान झेलना पड़ा:

    • 6 फाइटर जेट, जिनमें JF-17 और F-7 जैसी रेजिमेंटल यूनिट्स शामिल थीं, हवा में ही मार गिराए गए.
    • 2 बड़े मल्टीरोल विमान, जिनमें से एक AEW&C (Airborne Early Warning and Control) प्रणाली से लैस था, ‘सुदर्शन’ वेपन सिस्टम से लगभग 300 किमी दूर निष्क्रिय कर दिया गया.
    • 10 UCAV (ड्रोन) को भारतीय एयर डिफेंस नेटवर्क द्वारा वायु क्षेत्र में ही मार गिराया गया.
    • एक C-130 हारक्यूलिस सैन्य ट्रांसपोर्ट विमान भी नष्ट किया गया — यह लॉजिस्टिक सप्लाई और सैनिकों की त्वरित तैनाती के लिए अहम था.

    सिर्फ आतंक नहीं, आधारभूत ढांचा भी बना निशाना

    ऑपरेशन सिंदूर की सबसे खास बात यह थी कि इसमें सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के उन सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बारीकी से निशाना बनाया गया, जो इन गतिविधियों को सहारा देते हैं.

    • भोलारी और मियांवाली एयरबेस पर एयर-टू-सरफेस क्रूज मिसाइलों से हमले किए गए.
    • चीनी तकनीक से लैस विंग लूंग ड्रोन, जो पाकिस्तान ने सीमापार निगरानी और हमलों के लिए तैनात किए थे, हैंगर में ही नष्ट कर दिए गए.

    ब्रह्मोस जैसी लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों की बजाय राफेल और Su-30MKI जैसे एयरक्राफ्ट से हवा से लॉन्च की गई स्मार्ट मिसाइलों का उपयोग किया गया — ताकि सटीकता बनी रहे और कोलैटरल डैमेज न हो.

    PoK में तबाही: आतंकी ठिकानों पर हमला

    ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रहा. पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय आतंकी लॉजिस्टिक हब, ट्रेनिंग कैंप और लॉन्च पैड भी इस कार्रवाई में नष्ट किए गए.
    सूत्रों के अनुसार:

    • 8 रणनीतिक ठिकानों को रातोंरात निष्क्रिय कर दिया गया.
    • 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि भारतीय इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस रिपोर्ट्स से हुई है.
    • पाकिस्तान द्वारा लॉन्च की गई कई क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों को भारत के मल्टीलेयर डिफेंस शील्ड द्वारा रोका गया.

    रणनीतिक संदेश: अब रेखा खींच दी गई है

    सीडीएस जनरल चौहान ने स्पष्ट किया: "यह सिर्फ बदले की कार्रवाई नहीं थी — यह नई लक्ष्मण रेखा है. आतंकवाद अब एक भू-राजनीतिक जोखिम नहीं, बल्कि सीमाओं के पार की जवाबदेही का विषय है."

    ऑपरेशन सिंदूर ने यह भी संदेश दिया कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं करेगा, वह भविष्य के खतरों को जड़ से खत्म करने की नीति पर चल पड़ा है.

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