हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन भारत की सुरक्षा प्रणाली ने एक बार फिर खुद को अभेद्य साबित कर दिया. भारतीय सेना के मुताबिक, 8 मई की रात पाकिस्तान ने लगभग 300 से 400 मिसाइलें दागीं, लेकिन रूस निर्मित S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने अधिकांश हमलों को हवा में ही नष्ट कर दिया. इस घटना के बाद से S-400 की क्षमताओं और इसकी तकनीकी ताकत को लेकर आम लोगों के बीच खासा उत्साह देखा जा रहा है.
S-400: हवा में दुश्मन का काल
S-400 को रूस ने विकसित किया है और यह दुनिया के सबसे अत्याधुनिक और घातक एयर डिफेंस सिस्टम्स में से एक माना जाता है. भारत ने साल 2018 में रूस से करीब ₹35,000 करोड़ की डील कर 5 स्क्वॉड्रन S-400 सिस्टम खरीदने का समझौता किया था. चीन और पाकिस्तान से मिलने वाली दोहरी चुनौती को देखते हुए इसे दोनों मोर्चों पर तैनात किया गया है.
तकनीकी ताकत जो बनाती है इसे खास
रडार क्षमता: S-400 का रडार 600 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के टारगेट को ट्रैक कर सकता है और एक साथ 300 तक टारगेट्स पर नजर रख सकता है. मिसाइल क्षमता: यह सिस्टम एक बार में 72 मिसाइलें लॉन्च कर सकता है और -50°C से लेकर 70°C तापमान में भी कार्यशील रहता है. गतिशीलता: इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर मूव किया जा सकता है.
S-400 में इस्तेमाल होने वाली मिसाइलें
40N6E – सबसे लंबी दूरी की मिसाइल, जो 400 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है.
48N6E3 – 250 किलोमीटर की रेंज वाली हाई-स्पीड मिसाइल.
9M96E और 9M96E2 – कम दूरी की मिसाइलें, जो पास के टारगेट्स को तुरंत निष्क्रिय कर देती हैं.
एक मिसाइल की कीमत कितनी होती है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 40N6E जैसी लंबी दूरी की मिसाइल की कीमत लगभग 1 से 2 मिलियन डॉलर (₹8 से ₹16 करोड़) तक हो सकती है. वहीं अन्य मिसाइलों की लागत $300,000 से $1 मिलियन के बीच मानी जाती है, जो उनकी रेंज और तकनीक पर निर्भर करती है.
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