अंतरराष्ट्रीय राजनीति में रूस और अमेरिका के संबंध हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. कभी हथियारों की होड़, कभी आर्थिक और सैन्य टकराव, तो कभी नेताओं के व्यक्तिगत बयानों की वजह से मीडिया में हलचल मचती है. हाल ही में ऐसा ही एक पल सामने आया, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अंग्रेजी में कहा, “Next time in Moscow.” यह साधारण-सा वाक्य सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया का नया चर्चा का केंद्र बन गया.
व्लादिमीर पुतिन की मातृभाषा रूसी है और यह उन्हें पूरी तरह से सहजता देती है. इसके अलावा, पुतिन जर्मन भाषा में भी धाराप्रवाह हैं. 1980 के दशक में KGB अधिकारी के रूप में पूर्वी जर्मनी के ड्रेसडेन में तैनाती के दौरान उन्होंने जर्मन भाषा इतनी अच्छी तरह सीख ली थी कि आज भी वे जर्मन पत्रकारों से सीधे संवाद कर सकते हैं. अंग्रेजी में उनकी पकड़ औपचारिक मंचों पर कम दिखती है, लेकिन समझने और संवाद करने में वे सक्षम हैं. कई मौकों पर रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि पुतिन दुभाषियों तक को सही करने की सलाह देते हैं.
ट्रंप को अंग्रेजी में न्योता क्यों?
पुतिन आम तौर पर औपचारिक कार्यक्रमों में अनुवादक पर निर्भर रहते हैं, लेकिन अनौपचारिक मुलाकातों में वह सीधे संवाद करना पसंद करते हैं. “Next time in Moscow” कहना शायद एक हल्की-फुल्की, दोस्ताना बात थी. इसके जरिए उन्होंने ट्रंप से डायरेक्ट संवाद स्थापित किया और अपने भाषाई कौशल की भी झलक दुनिया को दिखाई.
ट्रंप की भाषाई सीमा
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप केवल अंग्रेजी में सहज हैं. उन्हें अन्य भाषाओं का ज्ञान नहीं है और न ही वे किसी इंटरव्यू या बातचीत में इसे अपनाते हैं. कभी-कभार उन्होंने मजाक में कहा कि उन्हें स्पेनिश या फ्रेंच के कुछ शब्द आते हैं, लेकिन वास्तविक संवाद की सीमा अंग्रेजी तक ही सीमित है.
शब्दों की ताकत
पुतिन और ट्रंप के इस छोटे संवाद ने दिखा दिया कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में कभी-कभी एक वाक्य भी बड़ी सुर्खियां बना सकता है. पुतिन ने अंग्रेजी में सिर्फ एक वाक्य बोलकर माहौल को हल्का और दोस्ताना बनाया, जबकि ट्रंप ने सहज मुस्कान के साथ इसका जवाब दिया. यह घटना बताती है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कभी-कभी शब्दों से ज्यादा उनकी प्रस्तुति और अंदाज मायने रखते हैं.
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