रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में हाल ही में एक दिन में 990 रूसी सैनिकों की मौत हुई है. यह घटना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में होने वाली मुलाकात से ठीक पहले सामने आई. इस शिखर बैठक में मुख्य चर्चा रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने और संभावित सीजफायर पर हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन इस मौके का इस्तेमाल शांति वार्ता की दिशा में कदम बढ़ाने के साथ-साथ अमेरिका के साथ आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भी कर सकते हैं.
फरवरी 2022 से शुरू हुए इस युद्ध में अब तक रूस को भारी सैन्य नुकसान झेलना पड़ा है. आंकड़ों के अनुसार रूस ने 11,104 टैंक, 23,130 बख्तरबंद वाहन, 31,458 तोप, 1,466 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम, 1,207 एयर डिफेंस सिस्टम, 421 विमान, 40 हेलिकॉप्टर, 51,043 ड्रोन, 3,558 क्रूज मिसाइल और 28 जहाज खो दिए हैं. इसके अलावा 1,067,100 रूसी नागरिक भी इस युद्ध की भेंट चढ़ चुके हैं.
रूस को हर दिन तीन गुना नुकसान
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने 12 अगस्त को बताया कि युद्ध में रूस को हर दिन यूक्रेन की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. उदाहरण के तौर पर, 11 अगस्त को रूस के 531 सैनिक मारे गए, 428 घायल हुए और 9 पकड़े गए, जबकि उसी दिन यूक्रेन को 340 सैनिकों का नुकसान हुआ, जिसमें 18 की मौत, 243 घायल और 79 लापता हुए.
जी-20 में हुई थी मुलाकात
ट्रंप और पुतिन की यह मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का के एंकोरेज में हुई. दोनों नेताओं के बीच पिछली आमने-सामने की मुलाकात 2019 में जापान में G-20 शिखर सम्मेलन में हुई थी. इससे पहले ट्रंप की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन तीन बार बैठक कर चुके हैं, लेकिन कोई स्थायी समझौता नहीं हो सका.विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध के इस तीसरे वर्ष में रूस ने अपने सैनिकों को काफी नुकसान झेलने के बावजूद युद्ध में एक कड़ा मोर्चा बनाए रखा है. वहीं, अलास्का समिट क्रेमलिन के लिए यह अवसर हो सकता है कि वह रूस-यूक्रेन शांति वार्ता से ध्यान हटाकर अमेरिका के साथ अपने आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए.
यह भी पढ़ें: भारत पर टैरिफ कम करेंगे ट्रंप! पुतिन से मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के बदले सुर, जानें क्या कहा