पिछले पांच साल में कितने भारतीयों ने छोड़ी अपनी नागरिकता? सरकार ने संसद में बताया, देखें आंकड़े

    केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि पिछले पाँच वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है.

    How many Indians gave up their citizenship in the last five years
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि पिछले पाँच वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लिखित जवाब में यह जानकारी देते हुए कहा कि साल 2020 से 2024 के बीच कुल 8,96,843 भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्यागी.

    सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 के बाद नागरिकता छोड़ने की प्रवृत्ति में स्पष्ट रूप से वृद्धि देखी गई. यह प्रवृत्ति वैश्विक अवसरों, विदेशी रोजगार, शिक्षा और कई अन्य व्यक्तिगत कारणों के चलते सामने आ रही है.

    हर वर्ष कितने भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता?

    सरकार द्वारा दिए गए वर्षवार आँकड़े इस प्रकार हैं:

    • 2020: 85,256
    • 2021: 1,63,370
    • 2022: 2,25,620
    • 2023: 2,16,219
    • 2024: 2,06,378

    इन पाँच वर्षों में लगभग नौ लाख लोगों ने अपने भारतीय पासपोर्ट से त्यागपत्र दिया. इसके अतिरिक्त, 2011 से 2019 के बीच भी 11.89 लाख से अधिक भारतीय नागरिकता त्याग चुके थे. इस अवधि में हर वर्ष लगभग 1.2 से 1.4 लाख लोग भारतीय नागरिकता छोड़ते रहे.

    फ़र्जी नौकरी ऑफ़रों से भारतीयों को बचाया गया

    राज्यसभा को यह भी बताया गया कि विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के ज़रिये दिए जा रहे फर्जी विदेशी नौकरी ऑफ़रों पर विशेष ध्यान दिया है. कई संस्थाएँ दक्षिण-एशियाई देशों में आकर्षक वेतन का झांसा देकर भारतीय युवाओं को बाहर भेजती थीं, जहाँ उन्हें साइबर फ्रॉड और अवैध गतिविधियों से जुड़े केंद्रों में जबरन काम करने के लिए मजबूर किया जाता था.

    सरकार ने बताया कि ऐसे मामलों में अब तक लगभग 6,700 भारतीयों को बचाया जा चुका है और उन्हें सुरक्षित तरीके से वापस लाया गया है.

    विदेशों में रह रहे भारतीयों से 16,000 से अधिक शिकायतें

    एक अन्य प्रश्न के उत्तर में विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2024–25 में विदेशों में रह रहे भारतीयों ने कुल 16,127 शिकायतें दर्ज कराईं.

    इनमें—

    • 11,195 शिकायतें ‘MADAD’ पोर्टल पर
    • 4,932 शिकायतें CPGRAMS पर दर्ज की गईं.

    सबसे ज़्यादा शिकायतें जिन देशों से आईं, वे इस प्रकार हैं:

    • सऊदी अरब — 3,049 मामले
    • यूएई — 1,587
    • मलेशिया — 662
    • अमेरिका — 620
    • ओमान — 613
    • कुवैत — 549
    • कनाडा — 345
    • ऑस्ट्रेलिया — 318
    • ब्रिटेन — 299
    • क़तर — 289

    इन शिकायतों में ज्यादातर मामले रोजगार विवाद, पासपोर्ट और वीज़ा समस्याएँ, वेतन न मिलने, और अन्य कानूनी या व्यक्तिगत संकटों से जुड़े रहे.

    सरकार ने बताया कि विदेशों में रह रहे भारतीयों की सहायता के लिए एक व्यापक और कई स्तरीय तंत्र विकसित किया गया है. विदेश मंत्री ने कहा कि अधिकांश शिकायतों का समाधान सीधे संवाद, नियोक्ताओं से वार्ता, और स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय से किया जाता है.

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