Vice President Election: कैसे चुना जाता है भारत का उपराष्ट्रपति? जानिए कौन-कौन डाल सकता है वोट

    Vice President Election: भारत के संवैधानिक पदों में उपराष्ट्रपति का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है. हाल ही में जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद खाली हो गया है, और अब देश इस पद के लिए चुनाव की तैयारी कर रहा है.

    How is the Vice President of India elected Know who can cast their vote
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    Vice President Election: भारत के संवैधानिक पदों में उपराष्ट्रपति का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है. हाल ही में जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद खाली हो गया है, और अब देश इस पद के लिए चुनाव की तैयारी कर रहा है. चुनाव आयोग ने इसकी तारीखें भी घोषित कर दी हैं. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है, इसमें कौन वोट करता है, उम्मीदवार कौन बन सकता है और जीत-हार कैसे तय होती है. तो चलिए, इस पूरे चुनावी सफर को आसान भाषा में समझते हैं.

    आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में केवल संसद के सदस्य ही वोटिंग करते हैं. इसमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य, 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल होते हैं. कुल मिलाकर 788 सांसद इस चुनाव में वोट डालने के पात्र होते हैं. चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा करते वक्त लोकसभा और राज्यसभा के वर्तमान सदस्यों की संख्या के अनुसार वोटरों की अंतिम संख्या तय करता है.

    मतदान की प्रक्रिया क्या है?

    उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग का तरीका अलग और बहुत ही खास होता है. यहाँ “सिंगल ट्रांसफरेबल वोट” प्रणाली अपनाई जाती है, जिसमें वोटर को प्रत्याशियों को अपनी प्राथमिकता के अनुसार क्रम देना होता है. मतदाता पहली पसंद को 1, दूसरी पसंद को 2 और इसी तरह आगे के नंबर देता है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से गुप्त रखी जाती है और मतदाता को विशेष पेन से ही वोट देना होता है.

    मतदान के बाद यदि कोई उम्मीदवार पूर्ण मत कोटे तक नहीं पहुँच पाता है, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को चुनाव से बाहर कर दिया जाता है और उसके वोटों की दूसरी प्राथमिकता दूसरे उम्मीदवारों को ट्रांसफर कर दी जाती है. यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक किसी एक उम्मीदवार को आवश्यक मत संख्या नहीं मिल जाती.

    उम्मीदवार कैसे बनते हैं?

    उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों का प्रस्तावक और 20 समर्थक होना आवश्यक है. इसके साथ ही 15,000 रुपये की जमानत राशि भी जमा करनी होती है. चुनाव अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच के बाद योग्य उम्मीदवारों को मतपत्र में शामिल करते हैं.

    उपराष्ट्रपति चुनाव में क्या है खास?

    राष्ट्रपति चुनाव और उपराष्ट्रपति चुनाव में महत्वपूर्ण अंतर होता है. राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों के साथ-साथ सभी राज्यों के विधायकों को भी वोट डालने का अधिकार होता है, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव केवल संसद के सदस्यों तक सीमित रहता है. इसके अलावा, उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी वोट डाल सकते हैं, जो राष्ट्रपति चुनाव में संभव नहीं है.

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