हूती विद्रोहियों का इजरायल पर बड़ा हमला, इस एयरपोर्ट पर दागे हाइपरसोनिक मिसाइल, बंकरों में छिपे लोग

    मध्य पूर्व में उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा. यमन के ईरान-समर्थित हूती विद्रोहियों ने इज़राइल के दिल कहे जाने वाले तेल अवीव को एक बार फिर अपने मिसाइल हमलों का निशाना बनाया है.

    Houthi rebels attack Israel with hypersonic missile
    Image Source: Social Media

    नई दिल्ली: मध्य पूर्व में उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा. यमन के ईरान-समर्थित हूती विद्रोहियों ने इज़राइल के दिल कहे जाने वाले तेल अवीव को एक बार फिर अपने मिसाइल हमलों का निशाना बनाया है. दावा किया जा रहा है कि हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलों से इजरायली राजधानी पर एक के बाद एक हमले किए गए, जिनका लक्ष्य बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और कुछ अन्य रणनीतिक ठिकाने थे.

    हाइपरसोनिक मिसाइल से हुआ हमला?

    हूती सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी के मुताबिक, विद्रोही बलों ने इज़राइल के खिलाफ Palestine-2 हाइपरसोनिक मिसाइल और Zulfiqar बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया. इन मिसाइलों को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस बताया जा रहा है, जिनमें:

    • हाइपरसोनिक गति, जो रोकथाम को लगभग असंभव बना देती है
    • 2,000 किमी से अधिक की रेंज
    • रेडार को चकमा देने की क्षमता

    ईरान की सरकारी मीडिया प्रेस टीवी के अनुसार, यह हमला सीधे बेन गुरियन एयरपोर्ट को निशाना बनाते हुए किया गया था. इसके बाद एक और मिसाइल तेल अवीव के पूर्वी हिस्से में एक "रणनीतिक स्थान" पर दागी गई.

    इज़रायल का एयर डिफेंस अलर्ट मोड पर

    इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनो मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर हवा में ही तबाह कर दिया गया. इस हमले में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हवाई सुरक्षा सायरनों के बजते ही तेल अवीव के नागरिक बंकरों में भागते नजर आए.

    IDF की रिपोर्ट के अनुसार:

    • हमलों की पूर्व चेतावनी नागरिकों को मोबाइल पुश नोटिफिकेशन के ज़रिए दी गई थी
    • पहला मिसाइल हमला सुबह 5 बजे के बाद हुआ
    • सिस्टम ने मिसाइलों को समय रहते ट्रैक और न्यूट्रलाइज कर दिया

    हूती विद्रोही: केवल यमन की समस्या नहीं?

    हूती समूह, जो खुद को फिलिस्तीन का रक्षक मानता है, लंबे समय से इज़राइल विरोधी रुख के लिए जाना जाता है. उनका कहना है कि वे गाजा में इजरायली कार्रवाइयों और अल-अक्सा मस्जिद के अपवित्रीकरण के विरोध में ये हमले कर रहे हैं.

    विशेषज्ञों के अनुसार, "यह हमला सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि मध्य पूर्व में इज़राइल-विरोधी गठजोड़ की मजबूती का भी संकेत है."

    इस गठजोड़ में अब ईरान, सीरिया, हिज़बुल्ला (लेबनान) और हूती जैसे समूह मिलकर एक साझा मोर्चा बनाते नज़र आ रहे हैं, जो इज़राइल के लिए एक दीर्घकालिक रणनीतिक खतरा बन सकता है.

    क्या अब बड़ा युद्ध दूर नहीं?

    हूती विद्रोहियों की तरफ से सीधे इज़राइल पर हमला केवल दो देशों के बीच संघर्ष नहीं है, यह एक बड़े भू-राजनीतिक समीकरण का हिस्सा बनता दिख रहा है.

    • ईरान की भूमिका इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम मानी जा रही है
    • सऊदी अरब और अमेरिका जैसे देशों की चुप्पी इस क्षेत्र में भविष्य की अस्थिरता को बढ़ा सकती है
    • इज़राइल अब अपने एयर डिफेंस सिस्टम को रिव्यू करने और हूती हमलों के सोर्स तक जवाबी कार्रवाई की तैयारी में भी लग सकता है.