पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक गहरा गया है. सिंधु जल समझौते पर भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट साफ नजर आ रही है, जो नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर लगातार हो रही गोलीबारी से झलक रही है. भारत की सेना हर हमले का माकूल जवाब दे रही है. इसी स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पाकिस्तान को चेताया और भारत की सैन्य उपलब्धियों को याद दिलाया.
भारत की जीत की कहानी सिर्फ इतिहास नहीं, चेतावनी है – हिमंत बिस्वा सरमा
सीएम सरमा ने कहा कि भारत-पाक युद्धों का इतिहास वीरता, रणनीति और निर्णायक जीतों से भरा हुआ है. स्वतंत्रता के बाद से, भारतीय सेना ने हर बार पाकिस्तान के दुस्साहस का डटकर मुकाबला किया और देश की अखंडता की रक्षा की. उन्होंने पाकिस्तान को यह याद दिलाया कि जब भी उसने भारत की संप्रभुता को चुनौती दी है, उसे करारा जवाब मिला है.
1947-49: पहले कश्मीर युद्ध में भारत की सख्त प्रतिक्रिया
भारत-पाक के पहले युद्ध का उल्लेख करते हुए सरमा ने बताया कि आज़ादी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की, लेकिन भारत ने वीरता के साथ उसका मुकाबला किया. श्रीनगर एयरलिफ्ट जैसे अभूतपूर्व ऑपरेशन के जरिए घाटी की रक्षा की गई और यह स्पष्ट कर दिया गया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. इसी युद्ध के बाद लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) की नींव रखी गई.
1965: ऑपरेशन जिब्राल्टर का मुंहतोड़ जवाब
1965 में पाकिस्तान ने छद्म युद्ध छेड़ते हुए कश्मीर में ‘ऑपरेशन जिब्राल्टर’ के तहत घुसपैठ की, जो बाद में पूर्ण युद्ध में बदल गया. भारतीय सेना ने न सिर्फ पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ा, बल्कि रणनीतिक हाजी पीर दर्रे जैसे अहम इलाकों पर भी कब्जा किया. यह युद्ध भारत की सैन्य ताकत और आत्मबल का उदाहरण बना.
India-Pakistan Wars:
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 30, 2025
A Legacy of Indian Valor and Triumph -
Since independence, India’s brave armed forces have repeatedly stood tall, defending our nation’s sovereignty against Pakistani aggression. Each time Pakistan dared challenge India’s unity and integrity, our soldiers…
1971: सिर्फ युद्ध नहीं, मानवीय विजय भी
सीएम सरमा ने 1971 के भारत-पाक युद्ध को इतिहास का सबसे निर्णायक और तेज सैन्य अभियान बताया. पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार और शरणार्थी संकट के बीच, भारत ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए मात्र 13 दिनों में पाकिस्तान को परास्त किया. नतीजतन 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश का जन्म हुआ. 1972 का शिमला समझौता भारत की इस रणनीतिक जीत का प्रमाण है.
1999: कारगिल की चोटियों पर वीरता की कहानी
कारगिल युद्ध का ज़िक्र करते हुए सरमा ने कहा कि पाकिस्तान ने कायरता से कारगिल की चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सैनिकों ने विषम परिस्थितियों में लड़ते हुए हर इंच ज़मीन दुश्मन से वापस ली. यह युद्ध भारत की संप्रभुता और सैन्य क्षमता का अद्वितीय उदाहरण बन गया.
ये भी पढ़ेंः जब-जब मिली छूट, चीन-पाकिस्तान के लिए घातक हुई सेना; जानिए कब-कब दुश्मनों को मिल चुका है करारा जवाब