Weather Report: उत्तर भारत में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और इसका असर दिल्ली-एनसीआर से लेकर बिहार, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों तक साफ नजर आ रहा है. शनिवार रात से दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है, जिससे जलभराव की समस्या गहराती जा रही है. कई जगहों पर सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हुआ है और वाहन फंसने की खबरें सामने आई हैं.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले दो दिनों के लिए दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है. रविवार को उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों और उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार और रविवार के बाद तीन अगस्त को दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में भारी बारिश होने की संभावना है. इससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
पूर्वोत्तर में बने रहेंगे बादल
पूर्वोत्तर भारत में अगले कुछ दिनों तक भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का अनुमान है. तीन और चार अगस्त को उत्तरी पश्चिम बंगाल, बिहार, सिक्किम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं.
अगस्त-सितंबर में होगी अच्छी वर्षा
आईएमडी के अनुसार, अगस्त और सितंबर के महीने में सामान्य से अच्छी वर्षा की संभावना बनी हुई है. जून में सामान्य से 9 प्रतिशत और जुलाई में 5 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिलों को अब तक पर्याप्त बारिश नहीं मिली है, जिससे वहां के किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश को मिलेगी राहत
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून का ट्रैक अब दक्षिण और मध्य भारत से उत्तर की ओर खिसक गया है. इसका असर यह होगा कि अब तक सूखे की मार झेल रहे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 7 से 8 अगस्त के बीच भारी बारिश हो सकती है. इससे सूखे की स्थिति से राहत मिलने की संभावना है.
बाढ़ का खतरा
उत्तर की ओर बढ़ते मानसून के कारण हिमालयी क्षेत्रों से निकलने वाली नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है. इसका असर उत्तर बिहार पर पड़ सकता है, जहां बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही है.
फसल पर असर
गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में जरूरत से ज्यादा बारिश के चलते फसलों को नुकसान हुआ है. अब जब मानसून उत्तर भारत में सक्रिय हो गया है, तो एक तरफ सूखा खत्म होने की उम्मीद है, लेकिन दूसरी ओर बाढ़ की चुनौती सामने आ सकती है.
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