कोरोना महामारी के बाद भारत में युवाओं में अचानक दिल का दौरा पड़ने और मौत के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. सोशल मीडिया से लेकर कई मंचों तक इस बात को लेकर बहस छिड़ी हुई थी कि कहीं कोविड वैक्सीन तो इन मौतों का कारण नहीं है? लेकिन अब इस पर AIIMS और ICMR की एक विस्तृत और वैज्ञानिक रिपोर्ट ने स्थिति को साफ कर दिया है. दोनों शीर्ष चिकित्सा संस्थानों ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन और युवाओं में अचानक हुई मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है.
कई राज्यों से आ रही थीं चौंकाने वाली खबरें
हाल के महीनों में देश भर से ऐसी खबरें आईं जिनमें स्वस्थ युवा और मध्यम उम्र के लोग अचानक कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो गए. कर्नाटक के हासन जिले में 40 दिनों में 22 लोगों की मौत, और अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की असामयिक मृत्यु जैसी घटनाओं ने इन संदेहों को और हवा दी. इन मामलों में वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन अब ICMR और AIIMS की जॉइंट स्टडी ने इस विषय पर एक वैज्ञानिक और डेटा आधारित स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया है.
ICMR की स्टडी में क्या सामने आया?
यह स्टडी ICMR ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के साथ मिलकर की है. इसमें 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का डेटा शामिल किया गया है, जिनकी 1 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2023 के बीच अचानक मौत हुई थी. डेटा का गहन विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला गया कि कोविड वैक्सीन और इन मौतों के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है.
मौतों के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
रिपोर्ट के अनुसार, इन अचानक मौतों के पीछे कई बहु-आयामी कारण हो सकते हैं. आनुवंशिक प्रवृत्तियां (Genetic factors). लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं जैसे धूम्रपान, व्यायाम की कमी, अधिक तनाव. पूर्व से मौजूद बीमारियां (Undiagnosed pre-existing conditions). पोस्ट-कोविड कॉम्प्लिकेशंस, जो शरीर में अंदरूनी बदलाव करते हैं. इनमें से किसी एक या अधिक कारणों से शरीर पर असर पड़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं.
सरकार की स्पष्ट प्रतिक्रिया
इस रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि "भारत में कोविड वैक्सीन और अचानक होने वाली मौतों के बीच कोई वैज्ञानिक या डेटा आधारित संबंध नहीं मिला है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पहले ही स्पष्ट किया था कि "वैक्सीनेशन से जोखिम नहीं, बल्कि सुरक्षा मिली है. यह वैक्सीन लाखों लोगों की जान बचाने में सफल रही है. "
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