गाजा से ईरान तक… इजराइल का दोहरा वार, हमास का टॉप कमांडर अल-इस्सा मारा गया

    इजराइल और ईरान के बीच युद्ध भले ही अब सीजफायर की ओर बढ़ चुका हो, लेकिन बीते 12 दिनों में हुए इस संघर्ष ने पूरे मध्य-पूर्व में हलचल मचा दी है. जहां एक ओर इजराइल ने ईरान की सैन्य क्षमताओं को निशाना बनाया, वहीं दूसरी ओर उसने गाजा में भी अपने अभियान को धीमा नहीं होने दिया.

    Hamas leader Al-Issa killed claimed by idf
    Image Source: Social Media

    इजराइल और ईरान के बीच युद्ध भले ही अब सीजफायर की ओर बढ़ चुका हो, लेकिन बीते 12 दिनों में हुए इस संघर्ष ने पूरे मध्य-पूर्व में हलचल मचा दी है. जहां एक ओर इजराइल ने ईरान की सैन्य क्षमताओं को निशाना बनाया, वहीं दूसरी ओर उसने गाजा में भी अपने अभियान को धीमा नहीं होने दिया. इसी दौरान, इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने गाजा में हमास के शीर्ष सैन्य कमांडर हाकम मुहम्मद इस्सा अल-इस्सा को एक सटीक हवाई हमले में ढेर कर दिया है.

    हमले का मास्टरमाइंड था अल-इस्सा

    IDF के अनुसार, अल-इस्सा वही व्यक्ति था जिसने 7 अक्टूबर 2023 के इजराइल हमले की योजना बनाई थी — जिसमें 1320 से अधिक इजराइली मारे गए थे और 251 को बंधक बना लिया गया था. वह हमास की सैन्य इकाई इज्ज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड का वरिष्ठ सदस्य और संस्थापक भी था. रिपोर्ट के मुताबिक, वह हमले की पूरी रणनीति तैयार करने, आतंकियों को प्रशिक्षित करने और सैन्य अकादमी चलाने का जिम्मेदार था.

    गाजा के सबरा इलाके में टारगेटेड स्ट्राइक

    IDF की सोशल मीडिया पर जारी जानकारी के अनुसार, गाजा के सबरा इलाके में की गई एक टारगेटेड हवाई कार्रवाई में अल-इस्सा को मार गिराया गया. यह इलाका हमास के लिए एक रणनीतिक गढ़ माना जाता था. इस हमले को हमास के लिए एक "बड़ी रणनीतिक क्षति" के रूप में देखा जा रहा है.

    हमास के बचे हुए आखिरी 'शीर्ष चेहरे' में से एक

    IDF के प्रवक्ता ने कहा, “अल-इस्सा हमास के बचे हुए आखिरी प्रमुख आतंकवादियों में से था. हम 7 अक्टूबर के हमले में शामिल हर चेहरे को खोज निकालेंगे और उसे न्याय के कटघरे तक लाएंगे.” बताया जा रहा है कि वह 2005 में सीरिया से गाजा आया था और बीते कुछ महीनों में, हमास की ढह चुकी संरचना को फिर से खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था.

    कैसे चला रहा था आतंक का नेटवर्क?

    अल-इस्सा ने हमास की एक सैन्य अकादमी की स्थापना की थी, जहां हजारों आतंकियों को प्रशिक्षित किया गया. वह समुद्री और हवाई हमलों की योजना का संचालन करता था. हमास की संगठनात्मक पुनर्बहाली में उसकी प्रमुख भूमिका रही. उसका ठिकाना लंबे समय से IDF की रडार पर था, लेकिन कार्रवाई के लिए सटीक सूचना और समय का इंतजार किया जा रहा था.

    दबाव के दो मोर्चे: ईरान भी, गाजा भी

    इस ऑपरेशन की खास बात यह है कि इजराइल, ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ गाजा मोर्चे पर भी उतनी ही आक्रामकता से सक्रिय रहा. जानकारों का मानना है कि यह इजराइल की "डुअल-स्ट्राइक स्ट्रैटेजी" का हिस्सा है, जिसके तहत वह अपने सभी दुश्मनों को एक साथ जवाब देना चाहता है.

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