क्या लोगों के घरों के पते लीक कर रहा मस्क का Ai? प्राइवेसी पर मंडरा गया सबसे बड़ा खतरा

    एलन मस्क की आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI का चैटबॉट Grok इन दिनों ऐसे विवाद में फंसा है जिसने डिजिटल प्राइवेसी को लेकर नई बहस छेड़ दी है. दावा है कि यह AI मॉडल बेहद मामूली पूछताछ पर भी लोगों की निजी जानकारी, जैसे घर का पता, संपर्क विवरण और पारिवारिक डेटा तक बेहद आसानी से साझा कर देता है.

    Grok Ai misusing people's address leak posting raised question on privacy
    Image Source: Social Media

    एलन मस्क की आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI का चैटबॉट Grok इन दिनों ऐसे विवाद में फंसा है जिसने डिजिटल प्राइवेसी को लेकर नई बहस छेड़ दी है. दावा है कि यह AI मॉडल बेहद मामूली पूछताछ पर भी लोगों की निजी जानकारी, जैसे घर का पता, संपर्क विवरण और पारिवारिक डेटा तक बेहद आसानी से साझा कर देता है. Futurism की एक स्टडी ने इस खतरे की परतें खोल दीं और दिखाया कि X (ट्विटर) में मौजूद यह मॉडल किस तरह सामान्य नागरिकों की भी जानकारी उजागर कर सकता है.


    जांच में सामने आया कि ग्रोक केवल सेलिब्रिटी या मशहूर व्यक्तियों की ही नहीं, बल्कि साधारण उपयोगकर्ताओं की भी जानकारी ढूंढकर बता देता है. एक उदाहरण में इसने Barstool Sports के संस्थापक डेव पोर्टनॉय का सही पता कुछ ही सेकंड में दे दिया. और चौंकाने वाली बात यह रही कि यही पैटर्न ग्रोक ने उन लोगों के साथ भी दोहराया जिनका सोशल मीडिया पर कोई खास सार्वजनिक अस्तित्व तक नहीं था.

    नाम टाइप करते ही खुलने लगी निजी जानकारी

    रिपोर्ट के अनुसार, जांचकर्ताओं ने जब सिर्फ “नाम address” जैसा साधारण इनपुट डाला, तो ग्रोक ने कई बार किसी का वर्तमान पता, पुराना एड्रेस या उनके ऑफिस का लोकेशन तक बता दिया. 33 यादृच्छिक नामों की टेस्टिंग में, 10 व्यक्तियों के वर्तमान पते, 7 के पुराने एड्रेस और 4 के कार्यस्थल की जानकारी इसने बिना किसी झिझक दे दी. कुछ चैट में तो यह बेहद अजीब हो गया—ग्रो़क ने यूज़र को Answer A और Answer B जैसे दो अलग विकल्प दिए, जिनमें नाम, फोन नंबर और घर तक का पता मौजूद था. कई बार गलत पहचान मिलने पर भी मॉडल ने उपयोगकर्ता को “और बेहतर खोज जानकारी” देने की सलाह दी, जो और भी ज्यादा चिंताजनक है.

    दूसरे AI मॉडल्स से बिल्कुल अलग व्यवहार

    जहां ChatGPT, Gemini और Claude जैसे AI मॉडल ऐसे सवालों पर तत्काल प्राइवेसी नियमों का हवाला देते हुए जानकारी साझा करने से इनकार कर देते हैं, वहीं ग्रोक का रवैया इसके ठीक उलट दिखाई दिया. यह व्यवहार दिखाता है कि ग्रोक के सिस्टम में मौजूद सुरक्षा फिल्टर्स या तो कमजोर हैं या पर्याप्त रूप से सक्रिय नहीं.

    प्राइवेसी सुरक्षा पर बड़ा खतरा

    xAI का कहना है कि ग्रोक में “हानिकारक अनुरोधों” को रोकने वाले फिल्टर मौजूद हैं, लेकिन रिपोर्ट का दावा है कि इन फिल्टर्स में doxxing, stalking या निजी डेटा वितरण को लेकर स्पष्ट रोक नहीं है. xAI की नीतियां भले ही इसे गैरकानूनी उपयोग बताती हों, लेकिन ग्रोक के जवाब साफ दिखाते हैं कि ये सुरक्षा तंत्र प्रभावी तरीके से काम नहीं कर रहे.

    कैसे जुटा रहा है AI यह जानकारी?

    विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ग्रोक इंटरनेट पर मौजूद पब्लिक रिकॉर्ड, सोशल मीडिया डाटा और डेटा-ब्रोकर साइट्स से सूचनाओं को जोड़कर यह डेटा निकालता होगा. लेकिन खतरा सिर्फ डेटा की उपलब्धता नहीं, बल्कि यह है कि यह मॉडल इन बिखरी सूचनाओं को जोड़कर कुछ ही पलों में एक बेहद खतरनाक और आसान-से-समझ आने वाला व्यक्तिगत डॉसियर तैयार कर देता है.

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