नई दिल्ली: अगर आप अक्सर दुकान या ऑनलाइन शॉपिंग में UPI से पेमेंट करते हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. केंद्र सरकार अब 3,000 रुपये से ज्यादा के UPI पेमेंट पर दुकानदारों से चार्ज वसूलने की तैयारी कर रही है. इसका मतलब ये है कि बैंक या पेमेंट ऐप मर्चेंट से एक छोटी सी फीस ले सकते हैं.
आपको चार्ज देना पड़ेगा या नहीं?
कितना चार्ज लग सकता है?
सरकार 0.3% मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) दोबारा लागू करने पर विचार कर रही है. यानी अगर आप 3,000 रुपये का पेमेंट करते हैं, तो दुकानदार को लगभग 9 रुपये का MDR चार्ज देना होगा. छोटे दुकानदारों और 3,000 रुपये तक के पेमेंट पर कोई चार्ज नहीं लगेगा.
यह नियम क्यों लाया जा रहा है?
कब से लागू हो सकता है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले 2 महीनों के भीतर यह चार्ज लागू हो सकता है. सरकार इस पर बैंकों, फिनटेक कंपनियों, और सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत कर रही है.
UPI की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता
मई 2025 में UPI के जरिए रिकॉर्ड 18.67 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जिनमें 25.14 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए.
बीते एक महीने में ट्रांजैक्शनों में 4% का इजाफा हुआ है.
पेमेंट कंपनियों की मांग क्या है?
पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने सरकार से कहा है कि UPI ट्रांजैक्शन पर जीरो MDR पॉलिसी खत्म कर दी जाए.
उनका कहना है कि सिस्टम को बनाए रखने के लिए छोटी सी फीस जरूरी है, ताकि बैंकों और फिनटेक कंपनियों का खर्च निकल सके.
पहले MDR क्यों हटाया गया था?
2022 से पहले UPI और डेबिट कार्ड पेमेंट पर मर्चेंट्स से MDR चार्ज लिया जाता था.
क्या आपके लिए यह चिंता की बात है?
UPI चार्ज का असर ज्यादा बड़े मर्चेंट्स पर ही पड़ेगा, जो रोज लाखों रुपये का बिजनेस करते हैं.
ये भी पढ़ें- इंस्टाग्राम, दोस्ती और दुष्कर्म... 14 साल की रेप पीड़ित को अबॉर्शन की इजाजत, 24 सप्ताह की प्रेग्नेंट