Meta के बाद अब Google की सख्ती, इतने साल से कम उम्र वाले यूजर्स नहीं कर पाएंगे ये काम

    डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में गूगल ने अमेरिका में अपनी नई Age Assurance Technology की सीमित शुरुआत कर दी है. यह तकनीक खासतौर पर 18 साल से कम उम्र के यूज़र्स को ऑनलाइन हानिकारक कंटेंट और विज्ञापनों से सुरक्षित रखने के लिए विकसित की गई है.

    Google start Age Assurance Technology Users under the age of 18 will not be able to see inappropriate content
    Image Source: Freepik

    डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में गूगल ने अमेरिका में अपनी नई Age Assurance Technology की सीमित शुरुआत कर दी है. यह तकनीक खासतौर पर 18 साल से कम उम्र के यूज़र्स को ऑनलाइन हानिकारक कंटेंट और विज्ञापनों से सुरक्षित रखने के लिए विकसित की गई है. साल की शुरुआत में इसकी घोषणा की गई थी और अब इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है.

    कैसे काम करती है यह तकनीक?

    गूगल की यह तकनीक पूरी तरह AI आधारित है, जो यूज़र की उम्र का अनुमान उसके सर्च हिस्ट्री, यूट्यूब देखने की आदतों और अन्य व्यवहारिक संकेतों से लगाती है. जैसे ही सिस्टम को लगता है कि कोई यूज़र 18 साल से कम उम्र का है, तुरंत डिजिटल सुरक्षा से जुड़े फीचर्स एक्टिव हो जाते हैं.

    यूज़र्स को मिलेंगे ये सिक्योरिटी फ़ीचर्स

    • YouTube पर ब्रेक और बेडटाइम रिमाइंडर
    • हानिकारक और रिपिटिटिव कंटेंट पर रोक
    • Google Maps में लोकेशन हिस्ट्री और टाइमलाइन डिसेबल
    • Play Store पर एडल्ट ऐप्स की पहुंच बंद
    • एज-एप्रोप्रियेट और सीमित विज्ञापन दिखाना

    गलत पहचान की स्थिति में विकल्प भी मौजूद

    अगर किसी बालिग यूज़र को गलती से नाबालिग समझ लिया जाता है, तो वह पहचान पत्र या सेल्फी के ज़रिए मैन्युअल वेरिफिकेशन करा सकता है. गूगल का दावा है कि यह प्रक्रिया नया डेटा एकत्र किए बिना होती है और किसी भी जानकारी को थर्ड पार्टी से साझा नहीं किया जाता.

    नीति नहीं सिर्फ तकनीक नहीं

    गूगल का यह कदम सिर्फ एक तकनीकी अपडेट नहीं, बल्कि एक व्यापक नीति का हिस्सा है जिसमें Family Link, YouTube Kids और पैरेंटल कंट्रोल जैसे टूल्स शामिल हैं. हालांकि इससे डिजिटल निजता और निगरानी पर बहस भी तेज़ हो गई है, लेकिन गूगल का मानना है कि यह परिवर्तन बच्चों के लिए इंटरनेट को एक सुरक्षित जगह बनाने में मील का पत्थर साबित होगा.

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